यूरिन आना एक नेचुरल प्रक्रिया है. गर्मियों में व्यक्ति यूरिन कम जाता है, जबकि सर्दियों में यूरिन के लिए अधिक जाना पड़ता है. दरअसल, गर्मियों में पानी पसीना बनकर बॉडी से निकल जाता है, जबकि सर्दियों में ऐसी स्थिति नहीं बन पाती है. इसी कारण गर्मियों में यूरिन अधिक आता है. लोग यूरिन कर रिफ्रेश फील करते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जोकि मजबूरी या जबरन यूरिन रोककर रखते हैं. एक या दो बार यूरिन रोक लिया तब तो कोई परेशानी नहीं है.
यदि लंबे समय तक यूरिन रोककर रखते हैं तो यूरिन के रास्ते मेें संक्रमण की समस्या हो सकती है. यूरिन पथ में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. इससे यूरिन में ब्लड आना, जलन, गहरे रंग का यूरिन, पेट के निचले हिस्से में दर्द जैसी परेशानियां हो सकती हैं. महिलाओं में इस तरह की परेशानी अधिक देखने को मिलती है, क्योंकि वह यूरिन अधिक देर तक रोककर रखती हैं.
जो लोग बहुत देर तक यूरिन रोककर रखत हैं. उनके मूत्राशय और किडनी में दर्द का अहसास हो सकता है. दरअसल, किडनी पर दबाव होता है कि टॉक्सिंस को बाहर किया जाए. लेकिन यूरिन रोकने से यह प्रोसेस बाधित होता है. इससे यूरिन मसल्स और किडनी में पेन होने लगता है.
लंबे समय तक यूरिन रोकने का अकसर किडनी पर देखने को मिलता है. एक ओर जहां दर्द होता है. वहीं, अधिक देर तक यूरिन रोकने से पथरी की समस्या भी हो सकती है. अधिक पथरी बनने से किडनी डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है.
यदि बार बार यूरिन रोक रहे हैं तो यह मूत्राशय की दीवारें कमजोर करने लगती हैं. लंबे समय तक यही स्थिति दोहरा रहे हैं तो इससे ब्लैडर फटने का खतरा बन सकता है. यूरिन लीकेज होने की संभावना बन सकती है. इससे प्राइवेट पार्ट में असहनीय दर्द भी रहने लगता है.
यह भी पढे –
बीच शो में Pawan Singh पर किसी ने मारा पत्थर, गुस्साए एक्टर का ऐसा रूप कभी नहीं देखा होगा