सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद से लापता 142 लोगों की तलाश शनिवार को भी जारी रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बुधवार तड़के बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में सात सैनिकों सहित 26 लोगों की मौत हो चुकी है और 25,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलवा बाढ़ से 1,200 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 13 पुल बह गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अब तक विभिन्न इलाकों से 2,413 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। वहीं, 6,875 लोगों ने राज्य भर में बनाए गए 22 राहत शिविरों में आश्रय ले रखा है।
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने राज्य में अचानक आई बाढ़ में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजन को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि और राहत शिविरों में शरण लिए प्रत्येक व्यक्ति को दो-दो हजार रुपये की तत्काल राहत देने की भी घोषणा की। उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया, “हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हम नुकसान के बारे में सटीक विवरण नहीं दे सकते। इसका पता तब चलेगा, जब एक समिति गठित की जाएगी और वह अपना विश्लेषण पूरा करेगी। हमारी पहली प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को बचाना और उन्हें तत्काल राहत प्रदान करना है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है और पुल बह गए हैं। उत्तरी सिक्किम में संचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से सात के शव निचले इलाकों के विभिन्न हिस्सों से बरामद किए गए हैं, जबकि एक को बचा लिया गया है और बाकी लापता जवानों की तलाश सिक्किम व उत्तर बंगाल में जारी है।
रक्षा विभाग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, बरदांग में घटनास्थल पर सेना के वाहनों को कीचड़ से बाहर निकाल लिया गया है। इसमें बताया गया है कि तलाश अभियान में श्वान दल और विशेष राडार का इस्तेमाल किया जा रहा है।