भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रकोष्ठ के प्रभारी अमित मालवीय ने उत्तर-दक्षिण विभाजन के मुद्दे को उछालने के लिए मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधा और कहा कि यह कांग्रेस नेताओं की विशेषता रही है जो ‘टुकड़े-टुकड़े’ गिरोह के भरोसेमंद सहयोगी हैं।
मालवीय का बयान कर अंतरण और सहायता अनुदान के मामले में केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक के साथ कथित अन्याय के खिलाफ सिद्धारमैया के नेतृत्व में नई दिल्ली में कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रदर्शन से पहले आया है।
‘कर अंतरण’ केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच राजस्व वितरण को संदर्भित करता है।
माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर मालवीय ने कहा कि सिद्धरमैया को ‘कल्याण कर्नाटक’ और कलबुर्गी जैसे क्षेत्रों के मुकाबले बेंगलुरु को मिलने वाली निधि की जांच करनी चाहिए।
भाजपा आईटी प्रकोष्ठ प्रमुख ने कहा, ”क्या उन्हें बेंगलुरु के साथ अनुचित व्यवहार की परवाह है? राजनीति में यह दृष्टिकोण (उत्तर-दक्षिण विभाजन को बढ़ावा देना) निंदनीय है। यह कांग्रेस नेताओं की एक खास विशेषता है जो ‘टुकड़े-टुकड़े’ गिरोह के भरोसेमंद सहयोगी हैं।”
‘टुकड़े-टुकड़े’ गिरोह का इस्तेमाल भाजपा कथित तौर पर अलगाववादियों से सहानुभूति रखने वालों के लिए करती है।
उन्होंने आगाह किया कि इस तरह के हथकंड़े न केवल एकता को कमजोर करते हैं बल्कि सामाजिक सद्भाव के लिए भी महत्वपूर्ण खतरा पैदा करते हैं।
मालवीय के मुताबिक, सिद्धरमैया की 5,495 करोड़ रुपये की विशेष अनुदान की मांग ‘झूठ’ है।
उन्होंने कहा, ”15वें वित्त आयोग (एफसी) ने किसी भी राज्य को विशेष अनुदान की सिफारिश नहीं की। ऐसी कोई सिफारिश नहीं है जिसे स्वीकार या अस्वीकार किया जा सके। यह उनकी कल्पना की उपज है।”
उन्होंने बताया कि केंद्र ने न केवल करों का हस्तांतरण किया है बल्कि 11 दिसंबर, 2023 तक कर्नाटक के पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के लिए 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 6,212 करोड़ रुपये भी दिए हैं।
मालवीय ने कहा कि कर्नाटक को केंद्र की सहायता अनुदान में भी 243 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसमें 2.08 लाख करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में 60,779 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल के अंत तक अनुमानित सहायता अनुदान 2.26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार पर कर अंतरण में कमी करके कर्नाटक के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा था कि इससे पिछले चार वर्षों में राज्य को 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
– एजेंसी