‘चमकीला’ के लिए दिया ऑडिशन…फिर एक्टिंग से दूर हुईं Shikha Malhotra, जानिए क्या थी वजह

शाहरुख खान की फिल्म ‘फैन’ और साल 2020 में संजय मिश्रा के साथ नजर आने वाली एक्ट्रेस शिखा मल्होत्रा पेशे से एक नर्स हैं. जिन्होंने कोरोनाकाल में कई लोगों की मदद की थी. इस दौरान एक्ट्रेस को कई बीमारियों ने घेर लिया था. उनका सामना करने के कुछ वक्त बाद ही एक्ट्रेस ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित हो गई थी. जिसका एक्ट्रेस ने हिम्मत से सामना किया और बीमारी को मात दी. हाल ही में एक्ट्रेस ने अपने उस दौर के बारे में खुलकर बात की और कई हैरान कर देने वाली बातें बताई.

शिखा मल्होत्रा ने की अपने स्ट्रगल पर बात

शिखा ने खुलासा किया कि, “ उन्होंने महामारी के दौरान एक साल से अधिक समय तक कोविड आईसीयू में काम किया था. जिसकी वजह से वो खुद इस वायरस की चपेट में आ गईं और करीब एक महीने तक अस्पताल में भर्ती रहीं. शिखा ने ब्रेन स्ट्रोक और फिर अपने बॉडी में हुए लकवे के बारे में भी बात की और कहा कि, ”मैं लंबे वक्त तक लकवे की शिकार रही. जब मुझे छुट्टी मिली तो मैं ठीक से चल नहीं पा रहा थी. मैं हर सुबह उठती थी, दीवारों को पकड़ती थी और चलने की कोशिश करती थी.

पैरालिसिस से ठीक होने के लिए किया खूब स्ट्रगल – शिखा

शिखा ने बताया कि, “ बीमारियों की वजह से मेरा वजन लगातार बढ़ रहा था, मेरी मां जो एक सेवानिवृत्त नर्स हैं. उस वक्त वो ही मेरी देखभाल कर रही थीं. पैरालायसिस के बाद ठीक होने में मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा. फिर इससे बाहर निकलने के लिए मैंने योग, कथक और शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया. तब मुझे बहुत दर्द होता था लेकिन मैंने हार कभी नहीं मानी.”

इसलिए एक्टिंग से दूर हुईं शिखा

फिल्मों में अपनी वापसी पर शिखा ने कहा कि, “लगभग एक साल बाद जब मैं ठीक हो गया, तो मैंने एक्टिंग में लौटने का फैसला किया. मैं अभी-अभी ठीक हुआ थी और मुझे लगा जैसे मुझे एक और पहाड़ पर चढ़ना है. मुझे ऑडिशन के लिए मुकेश छाबड़ा का फोन आया. जब मैं वहां पहुंची तो मुझे पता चला कि ये ‘चमकीला’ नाम की इम्तियाज अली की फिल्म थी और मुझे मुख्य किरदार की बड़ी बहन की भूमिका के लिए बुलाया गया था. जब मैंने अपना ऑडिशन देखा तो मैं उसमें काफी बूढ़ी लग रही थी. इसलिए मैंने उन्हें तुरंत हटाने के लिए कहा…फिर इसके बाद मैंने ऑडिशन देना बंद करने का फैसला किया..”

कोरोना में समझ आई डिग्री की अहमियत

एक्ट्रेस ने कहा, “मैं अपनी बिरादरी मतलब..डॉक्टरों और नर्सों में शामिल होना चाहती थी. आम तौर पर भी मैं अपनी सोसायटी में या सेट पर अपने डॉक्टर को इंजेक्शन देती हूं, उनकी ड्रेसिंग करती हूं. मैं पैसे नहीं लेती क्योंकि ये मेरी तरफ से एक ‘सेवा’ है. शुरू में मुझे लगा कि शायद मैंने अपने 4-4.5 साल इसकी में बर्बाद कर दिए. लेकिन कोविड के दौरान मुझे एहसास हुआ कि मैं कुछ खास करने के लिए बनी हूं..’

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