भारत की तरफ से किसी वनडे मैच में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने बुधवार को यहां कहा कि वह अपने लिए मौके का इंतजार कर रहे थे और उन्हें खुशी है कि उन्होंने इसे अच्छी तरह से भुनाया।
शमी ने भारत की विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड पर 70 रन की जीत में अहम भूमिका निभाई। शमी ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 57 रन देकर सात विकेट लेकर भारतीय रिकॉर्ड बनाया। यह पहला अवसर है जबकि भारत के किसी गेंदबाज ने वनडे मैच में सात विकेट हासिल किये। इस शानदार प्रदर्शन के लिए शमी को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
शमी को भारत के शुरुआती मैचों में मौका नहीं मिला था लेकिन इसके बाद जब उन्हें अंतिम एकादश में शामिल किया गया तो उन्होंने कमाल की गेंदबाजी की। वह अभी तक इस टूर्नामेंट में 23 विकेट ले चुके हैं।
शमी ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैं अपने लिए मौके का इंतजार कर रहा था। मैंने बहुत अधिक सीमित ओवरों की क्रिकेट नहीं खेली थी। मैंने न्यूजीलैंड के खिलाफ ही धर्मशाला में वापसी की। हम वेरिएशन को लेकर बहुत बात करते हैं लेकिन मेरा मानना है कि गेंद को आगे पिच कराकर नई गेंद से विकेट लेना महत्वपूर्ण होता है।’’
भारत के आखिरकार सेमीफाइनल की बाधा पार करने के बारे में शमी ने कहा, ‘‘यह शानदार एहसास है। पिछले दो विश्व कप में हम सेमीफाइनल में हार गए थे। कोई नहीं जानता कि आपको ऐसा मौका फिर कब मिलेगा इसलिए हम इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे। हम इस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे।’’
भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 397 रन बनाए और इस तरह से विश्व कप के नॉकआउट चरण में सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके जवाब में न्यूजीलैंड की टीम 48.5 ओवर में 327 रन बनाकर आउट हो गई।
न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने कहा कि 400 रन के करीब के लक्ष्य तक पहुंचना आसान नहीं था लेकिन उनके खिलाड़ियों ने आखिर तक हार नहीं मानी।
विलियमसन ने कहा, ‘‘सबसे पहले भारत को बधाई। उन्होंने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया। 400 रन तक पहुंचना स्वाभाविक रूप से मुश्किल था लेकिन हमारे खिलाड़ियों ने आखिर तक संघर्ष किया। सेमीफाइनल में हारना निराशाजनक है लेकिन पिछले सात सप्ताह में अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर मुझे गर्व है।’’
– एजेंसी