हैदराबाद (एजेंसी/वार्ता) हैदराबाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र को 60 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाने के मामले में पूर्व बैंक प्रबंधक और तीन अन्य को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश ने इस मामले में पूर्व बैंक प्रबंधक, तीन अन्य और बंगलुरु की एक कंपनी पर भी जुर्माना लगाया।
सीबीआई ने मंगलवार को यहां बयान जारी कर बताया कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र, खैरताबाद शाखा, हैदराबाद के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सी. नारायणस्वामी, डिवाइन गैलेक्सी, हैदराबाद के मैनेजिंग पार्टनर के. श्रीधर, डिवाइन गैलेक्सी हैदराबाद के मैनेजिंग पार्टनर आनंद राव और सूफी इंपेक्स इंक. चेन्नई के मालिक नंद गोपाल को दोषी ठहराया गया और सजा सुनाई गई।
इसके साथ ही पूर्व शाखा प्रबंधक पर एक लाख रुपये और अन्य तीन पर 75,000- 75,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि बैंक को नुकसान पहुंचाने के लिए बेंगलुरु स्थित अमर डेटा सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड पर 1.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
सीबीआई ने इस संबंध में 18 मार्च, 2002 को तत्कालीन शाखा प्रबंधक और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोपी ने निजी व्यक्तियों के साथ साजिश रची और 60 लाख रुपये के ऋण स्वीकृत किए , लेकिन स्वीकृत राशि में 44,51,304 रुपये का वितरण किया गया था, जिसकी वसूली नहीं की गई, क्योंकि कंपनी दिए गए पते पर काम नहीं कर रही थी।
एजेंसी/वार्ता
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