मानसून का मौसम जहां सुकून लेकर आता है, वहीं यह स्किन से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ा देता है। इस मौसम में दाद, खाज और खुजली जैसी परेशानियां आम हो जाती हैं।
अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो ये समस्याएं शरीर में तेजी से फैलती हैं और बार-बार लौट आती हैं। ऐसे में आयुर्वेद में एक खास पौधा है जो इन समस्याओं का रामबाण इलाज माना जाता है — सत्यानाशी का पौधा।
यह एक कांटेदार पौधा होता है, जिसके ऊपर पीले रंग के फूल खिलते हैं। सत्यानाशी में मौजूद औषधीय गुण, खासकर एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी तत्व, स्किन इंफेक्शनों में बेहद प्रभावी माने जाते हैं।
1. सत्यानाशी से दाद-खाज-खुजली में राहत
सत्यानाशी के पंचांग (जड़, तना, पत्ते, फूल, फल) का रस निकालें।
इसमें थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर रोज 1-2 चम्मच सेवन करें।
यह शरीर के भीतर से फंगल इंफेक्शन को खत्म करने में मदद करता है।
2. दाद का प्राकृतिक इलाज
सत्यानाशी की पत्तियों का रस या इसका तेल दाद वाली जगह पर लगाएं।
दिन में 2 बार प्रयोग करने से लक्षणों में तेजी से सुधार आता है और दाद का फैलाव रुकता है।
इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटीफंगल गुण दाद को जड़ से खत्म करने में सहायक होते हैं।
3. खुजली और रैशेज में सत्यानाशी की भूमिका
सत्यानाशी का पीला दूध (लेटे पदार्थ) या पंचांग रस सीधे खुजली वाले हिस्से पर लगाएं।
इससे त्वचा की जलन, खुजली और फोड़े-फुंसी में राहत मिलती है।
बार-बार होने वाली खुजली और स्किन पर होने वाले रैशेज में यह उपाय काफी प्रभावी है।
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