“सरफराज धोखा नहीं देगा…” लेकिन क्या टीम इंडिया ने सरफराज को धोखा दिया

आमिर खान की सुपरहिट फिल्म पीके का एक डायलॉग आज भी याद किया जाता है — “सरफराज धोखा नहीं देगा।” क्रिकेट के मैदान पर भी सरफराज खान ने कुछ ऐसा ही किया — भरोसे पर खरे उतरे, शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या खुद टीम इंडिया ने सरफराज को धोखा दे दिया?

धमाकेदार डेब्यू, फिर भी नजरअंदाजी!
पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने वाले सरफराज ने अपनी पहली 5 पारियों में ही तीन अर्धशतक ठोक दिए थे। इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ भी उन्हें मौका मिला, जहां उन्होंने शानदार 150 रन की पारी खेली। इस तरह का प्रदर्शन किसी भी खिलाड़ी के लिए आगे के दरवाज़े खोल देता है। लेकिन सरफराज के लिए वो दरवाज़े खुलने के बजाय धीरे-धीरे बंद होने लगे।

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मौका मिला… खेलने का नहीं
सरफराज खान को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भेजा गया, लेकिन वहां उनका नाम सिर्फ ड्रेसिंग रूम तक ही सीमित रहा। पूरी सीरीज बेंच पर बैठे रहे, एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला। बिना खेले ही उन्हें वापस लौटना पड़ा।

उम्मीदें, मेहनत और फिर तगड़ा झटका
ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद सरफराज ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर दी। उन्होंने 10-12 किलो वजन घटाया, फिटनेस पर काम किया, और पूरी उम्मीद थी कि इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में उनका नाम जरूर होगा।

लेकिन 24 मई को जब टेस्ट टीम की घोषणा हुई, तो उसमें सरफराज खान का नाम नहीं था। एक बार फिर उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया।

क्या ये नाइंसाफी नहीं?
सरफराज ने जब भी मौका मिला, प्रदर्शन किया। उन्होंने कभी धोखा नहीं दिया — न अपनी मेहनत से, न उम्मीदों से। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या टीम इंडिया ने उनके साथ नाइंसाफी की? चयनकर्ताओं के इस फैसले पर अब कई सवाल उठने लगे हैं।

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