25 सितंबर 1990 के दिन दिल्ली के महिपालपुर में जन्मी सपना चौधरी भले ही आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी रहा, जब वह पाई-पाई के लिए मोहताज थीं और पांच रुपये तक जुटाना भी उनके लिए मुश्किल काम होता था. उन्होंने अपनी मेहनत से मुकाम हासिल किया और हरियाणा की डांस क्वीन बन गईं. बर्थडे स्पेशल में हम आपको सपना के संघर्ष से रूबरू करा रहे हैं.
कम उम्र में उठा पिता का साया
सपना चौधरी बताती हैं कि उनके पापा ने उन्हें सपना बनाया. वह सिंगर थे. वह गाने गाते थे, जिनसे सपना चौधरी ने गाने गाना सीखा. जब सपना छोटी थीं, उस वक्त उनके पिता इस कदर बीमार पड़े कि ठीक नहीं हो पाए. करीब आठ साल तक वह बिस्तर पर रहे. उनके इलाज में इतना पैसा खर्च हुआ कि सपना का परिवार कर्ज में डूब गया. हालत इस कदर बिगड़ी कि उन्हें अपना घर तक गिरवी रखना पड़ गया. साल 2008 के दौरान सपना के पिता का निधन हो गया था. सपना कहती हैं कि उस वक्त को याद करके उन्हें आज भी रोना आ जाता है.
खुद संभाली घर की जिम्मेदारी
पिता के निधन के बाद सपना ने परिवार को खुद संभाला. सपना ने अपने करियर की शुरुआत बतौर रागनी आर्टिस्ट एक ऑर्केस्ट्रा टीम के साथ की. अपनी टीम के साथ उन्होंने कई जगहों और पार्टियों में परफॉर्म किया. उन्होंने स्टेज परफॉर्मेंस से अपने संघर्ष को चुनौती दी और जैसे ही उनके हालात सुधरे, उन्होंने सबसे पहले गिरवी रखा घर छुड़वाया. धीरे-धीरे सपना देशभर में लोकप्रिय हो गईं. आज उनके डांस और गानों के लाखों दीवाने हैं.
फिल्मों में भी दिखा चुकीं जलवा
सपना चौधरी बिग बॉस के घर में भी नजर आ चुकी हैं. उन्होंने भोजपुरी, हिंदी और पंजाबी गानों में अपने डांस का जलवा दिखाया है और बॉलीवुड फिल्मों में भी उनकी एंट्री हो चुकी है. हिंदी फिल्म ‘नानू की जानू’ में उनका आइटम नंबर लोगों ने काफी पसंद किया था.
शादी करके भी बटोरीं सुर्खियां
बता दें कि सपना चौधरी अपनी शादी को लेकर भी सुर्खियों में रहीं. दरअसल, उन्होंने हरियाणवी एक्टर वीर साहू से गुपचुप शादी की थी, जिसकी खबर फैलते ही सपना के लाखों फैंस का दिल टूट गया. फिलहाल सपना अपनी शादीशुदा जिंदगी में बेहद खुश हैं.
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