रोहित रेल के डिब्बे में एक बड़े से संदूक को ऊपर वाले बर्थ पर रखने
लगा तो नीचे बैठी महिला बोली- इसको किसी और जगह रखिए कही यह
मेरे सिर पर न आ गिरे।
रोहित ने जवाब दिया- चिंता न कीजिए, इसमें टूटने वाली कोई चीज नहीं
है।😜😂😂😂😛🤣
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मालकिन (रोहित से)- रोहित मैंने कहा था, पूजा के लिए धूप ले आना।
रोहित(मालकिन से)- लाता कहां से मालकिन,आज तो दिनभर बादल छाए
रहे।😜😂😂😂😛🤣
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यात्री (ड्राइवर से)- क्यों भाई ड्राइवर साहब आप बस में कितने घंटे रहते
है?
ड्राइवर (यात्री से)- चौबीस घंटे।
यात्री (ड्राइवर से)- यह कैसे संभव है।
ड्राइवर (यात्री से)- आठ घंटे सरकारी बस में और सोलह घंटे अपनी बीवी
के बस में।😜😂😂😂😛🤣