रोहन बार में बैठा जोर-जोर से रो रहा था। पास बैठे रमेश को उस
पर दया आयी। पास आकर उसने सहानुभूति जतायी और रोहन से पूछा-
‘आप क्यों रो रहे है?‘
रोहन बोला ‘कल मुझसे एक बहुत बड़ी गलती हो गयी, मैंने अपनी पत्नी
को शराब की एक बोतल की एवज में बेच डाला।‘
रमेश – ‘तो तुम अब अनुभव कर रहे हो कि पत्नी को तुम्हारे पास होना
चाहिए?‘
रोहन – ‘हां, मैं उसकी कमी महसूस कर रहा हूं।‘
रमेश – उसे बेचने के बाद तुम्हें पता लगा होगा कि तुम उससे कितना
प्यार करते हो?‘
रोहन – ‘नहीं, नहीं, दरअसल अब मुझे फिर शराब की जरूरत महसूस हो
रही है।‘😜😂😂😂😛🤣
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सड़क पर दो मजदूर काम कर रहे थे। एक गड्ढा खोदता दूसरा पीछे से
भर देता। एक आदमी बहुत देर से देख रहा था, उससे रहा नहीं गया।
उसने कहा- ‘ये आप लोग क्या कर रहे है?‘
गड्ढा खोदने वाला- ‘हम लोग सरकारी कर्मचारी है। अपना काम कर रहे
है।‘
मुसाफिर, ‘लेकिन यह कैसा काम है एक गड्ढा करता है दूसरा भर देता
है।‘
गड्ढा खोदने वाला- ‘दरअसल हमारी तीन लोगो की ड्यूटी है। मैं गड्ढा
खोदता हूं दूसरा पेड़ लगाता है तीसरा उसे बंद करता है। आज दूसरा यानी
पौधे रखने वाला व्यक्ति छुट्टी पर है।‘😜😂😂😂😛🤣