जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दर रेपो को यथावत रखने के निर्णय से मकान खरीदारों की धारणा मजबूत होगी और कुल मिलाकर इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को गति मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे सस्ते, मध्यम श्रेणी और लग्जरी आवास सहित सभी खंड की बिक्री में जो तेजी चल रही है, वह आगे बरकरार रहेगी।”
आरबीआई ने द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में उम्मीद के अनुरूप लगातार पांचवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। साथ ही 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया।
निजी रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष निकाय ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के चेयरमैन और गौड़ समूह के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक (सीएमडी) मनोज गौड़ ने कहा, “बीते दो साल से आवासीय रियल एस्टेट बेहद सकारात्मक रहा है। आरबीआई के फैसले से इसे और बढ़ावा मिलेगा। बाजार मौजूदा 6.5 प्रतिशत रेपो दर को स्वीकार कर रहा है।”
गौड़ ने कहा कि आरबीआई द्वारा लगातार पांचवीं बार रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने से स्थिरता का संकेत मिलता है, जिससे कुल मिलाकर क्षेत्र को फायदा होगा।
उद्योग संगठन नारेडको (नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, “रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का निर्णय देश के आर्थिक और बुनियादी विकास की संभावनाओं में विश्वास को दर्शाता है। चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद के साथ की गई घोषणा नए साल के लिए एक आशावादी माहौल का निर्माण करती है।”
उन्होंने कहा, ”हालांकि, मौजूदा ब्याज दर पिछले चार साल में सबसे अधिक है। हमारी आरबीआई से अपील है कि वह अपनी अगली समीक्षा बैठक में इस पर विचार करे।”
रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक विमल नाडर ने कहा, “आर्थिक वृद्धि में मजबूत उछाल और मुद्रास्फीति में नरमी के बीच आरबीआई ने नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।”
उन्होंने कहा, ” रेपो दर को यथावत रखने से संभावित घर खरीदारों और कंपनियों के लिए ब्याज दर स्थिर रहने का संकेत है। इससे 2022 की तुलना में बिक्री 20 से 30 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद है। स्थिर ब्याज दर से बाजार में धारणा मजबूत होगी और 2024 की शुरुआत के साथ आवास बाजार उच्च वृद्धि के रास्ते पर होगा।”
परामर्श कंपनी सीबीआरई समूह के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशुमन मैग्जीन ने कहा, ”जीडीपी वृद्धि के लगातार मजबूत रहने और मुद्रास्फीति में नरमी ने आरबीआई को प्रमुख नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखने में मदद की है। ब्याज दर के स्थिर रहने से घर खरीदारों की धारणा मजबूत होगी और कुल मिलाकर इसे स्थिर बने रहने से रियल एस्टेट क्षेत्र को गति मिलेगी।”
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, “रेपो दर को यथास्थिति बनाए रखने का रिजर्व बैंक का निर्णय अपेक्षित था। यह निर्णय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करते हुए मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए लिया गया है। इस साल फरवरी से नीतिगत दर रेपो वृद्धि को रोकने का निर्णय, निवेशकों और रियल एस्टेट कंपनियों, दोनों के लिए सकारात्मक है।”
कृसुमी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा, ”महंगाई पर नियंत्रण रखने के मकसद से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का यह स्वागतयोग्य फैसला है। इससे बैंक के आवास ऋण की दरों के साथ ईएमआई (मासिक किस्त) में भी स्थिरता देखने को मिलेगी।”
उन्होंने कहा, ”इससे सस्ते आवास, मध्यम श्रेणी और लग्जरी आवास सहित सभी खंड की बिक्री में जो तेजी चल रही है, वह आगे बरकरार रहेगी।”
मिग्सन समूह के प्रबंध निदेशक यश मिग्लानी ने कहा, “रेपो दर न बढ़ने से रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा। पिछले कुछ महीनों से रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर स्थिर है, जो खरीदारों और निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है।”
उन्होंने कहा, ”इससे न सिर्फ रियल एस्टेट को गति मिलेगी बल्कि आवासीय और वाणिज्यिक रियल एस्टेट की मांग में भी तेजी आएगी। आने वाला समय रियल एस्टेट बाजार में निवेश के लिए बेहद सकारात्मक है।”
अंसल हाउंसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा, “रेपो दर को स्थिर रखने का आरबीआई का निर्णय सराहनीय है क्योंकि यह ब्याज दरों में निश्चितता प्रदान करके निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है।”
गंगा रियल्टी के संयुक्त प्रबंध निदेशक विकास गर्ग ने कहा, “आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य के अनुरूप रेपो दर यथावत रखते हुए राहत दी है। हालांकि, रियल एस्टेट क्षेत्र को रेपो दर में मामूली कटौती से लाभ हो सकता था…।”
त्रेहान समूह के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहन ने कहा, “आरबीआई का निर्णय मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत तक कम करने की उसकी स्पष्ट प्रतिबद्धता दिखाता है… संपत्ति बाजार में लगातार पुनरुद्धार हुआ है। आरबीआई के निर्णय से यह गति बने रहने की उम्मीद है।
भूमिका ग्रुप के प्रबंध निदेशक उद्धव पोद्दार ने कहा कि आवास क्षेत्र के लिए यह साल अच्छा रहा है। इन सबके बीच आरबीआई का नीतिगत दर में यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय एक संतुलित कदम है।
– एजेंसी