बात रणदीप हुड्डा की हो तो सरबजीत, जिस्म 2, मॉनसून वेडिंग और डी जैसी फिल्में जेहन में आ जाती हैं. आज की तारीख में रणदीप किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, लेकिन इस पहचान को पाने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. हरियाणा की सरजमीं से निकलकर रणदीप हुड्डा ने मायानगरी में अपना मुकद्दर कैसे बनाया, आइए जानते हैं बर्थडे स्पेशल में…
पापा से पंगा लेकर बने एक्टर
20 अगस्त 1976 के दिन हरियाणा के रोहतक में जन्मे रणदीप हुड्डा का अभिनय से दूर-दूर तक वास्ता न था. उनके पिता रणबीर हुड्डा सर्जन हैं तो मां आशा हुड्डा सोशल वर्कर हैं. रणदीप के भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और बहन भी डॉक्टर हैं. ऐसे में रणदीप का एक्टिंग के प्रति रुझान किसी को पसंद नहीं था. आलम यह रहा कि एक्टर बनने के लिए रणदीप को अपने पिता के खिलाफ तक जाना पड़ा. दरअसल, रणदीप के पिता उन्हें भी डॉक्टर बनाना चाहते थे.
इस कदर किया था संघर्ष
अपने सपने को पूरा करने के लिए रणदीप हुड्डा ने काफी संघर्ष किया. अपने सफर के दौरान उन्होंने चाइनीज रेस्टोरेंट में काम किया. गाड़ियां साफ कीं. यहां तक कि टैक्सी भी चलाई, लेकिन कभी हार नहीं मानी. इसका नतीजा यह हुआ कि सिनेमा को ऐसा सितारा मिला, जो मायानगरी के आसमान पर जमकर चमक रहा है.
डॉन बनकर मशहूर हुए
रणदीप हुड्डा ने साल 2001 के दौरान अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. उनकी पहली फिल्म मॉनसून वेडिंग थी, जिसमें उन्होंने एनआरआई की भूमिका निभाई. इसके बाद वह साल 2005 के दौरान रिलीज हुई फिल्म डी में नजर आए, जिसमें उन्होंने डॉन बनकर सुर्खियां बटोरीं. इसके बाद सरबजीत फिल्म में अपने किरदार के लिए महज 28 दिन में 18 किलो वजन घटाकर उन्होंने हर किसी को हैरान कर दिया. सरबजीत का किरदार निभाने के लिए रणदीप ने अपनी जान तक दांव पर लगा दी थी. यह फिल्म एक भारतीय युवक की जिंदगी पर आधारित थी, जो 22 साल तक पाकिस्तान की जेल में कैद रहा. वहीं, हिंदुस्तान में उसकी बहन उसे बचाने के लिए संघर्ष करती रही.
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