कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और ”पाला बदलने” के लिए नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए उन्हें ”विश्वासघात करने में माहिर” करार दिया है।
उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) बनाने में अहम भूमिका निभाने वाला ही उसे ‘धोखा देकर’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो रहा है।
जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि उन्हें ‘इंडिया’ और ‘महागठबंधन’ में ”चीजें ठीक नहीं लग रही थीं”, इसलिए उन्होंने भाजपा के साथ नया गठबंधन और नई सरकार बनाने का निर्णय लिया।
रमेश ने टिप्पणी की कि राजनीतिक रंग बदलने की कुमार की प्रवृत्ति गिरगिट को भी मात देती है। उन्होंने कहा कि बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल सोमवार को राज्य में प्रवेश करने वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से ध्यान भटकाने की एक रणनीति है।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि वह समय-समय पर राजनीतिक रंग बदलते रहे हैं और रंग बदलने में तो वह गिरगिटों को भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बिहार की जनता उन्हें और उनके इस कदम के लिए जिम्मेदार दिल्ली में बैठे लोगों को करारा जवाब देगी।”
रमेश ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा ने यह ”राजनीतिक नाटक” रचा है।
उन्होंने कहा, ”जब मैं मंत्री था तब मैंने उनके साथ करीब से काम किया था। वह विश्वासघात करने में माहिर हैं।”
रमेश ने उन दावों को खारिज कर दिया कि कुमार के बाहर निकलने से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ कमजोर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे गठबंधन केवल मजबूत होगा, जैसा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने भी कहा है।
उन्होंने कहा, ”कुछ दिनों तक सुर्खियों में रहने के अलावा इसका कोई असर नहीं होगा। अगर भाजपा की सरकार बरकरार रहती है तो हमारे देश-भारत का भविष्य दांव पर है, लेकिन विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का भविष्य दांव पर नहीं है।”
‘इंडिया’ के गठन में कुमार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए रमेश ने पिछले वर्ष 23 जून को कुमार द्वारा बुलाई गई 18 विपक्षी दलों की बैठक का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ”विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की यात्रा 23 जून को पटना से शुरू हुई थी और जिस व्यक्ति ने इस यात्रा को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उसने ही धोखा दे दिया। हमें नहीं पता कि उनकी राजनीतिक मजबूरियां क्या थीं, लेकिन बिहार के लोग उन्हें और भाजपा को करारा जवाब देंगे।”
नीतीश 18 महीने पहले भाजपा-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को छोड़कर ‘महागठबंधन’ में शामिल हुए थे।
– एजेंसी