राजू के हाथ पैर पे पट्टी बंधी हुई थी।
बंता – क्या हुआ भाई?
राजू – मैने बदमाशी का काम शुरू कर दिया था।
बंता – तो?
राजू – मैने एक आदमी से कहा जो कुछ भी है बाहर निकाल दे।
उसने देसी कट्टा निकाल कर मेरी कनपट्टी पे रख दिया।😜😂😂😂😛🤣
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टीचर राजू से मैं जो भी पूछूं उसका जवाब फटाफट देना।
टीचर – बताओ भारत की राजधानी क्या है।
राजू– फटाफट।
टीचर अभी तक संता को पीट रहा है।😜😂😂😂😛🤣
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राजू – यार मैं घर वालों से बहुत परेशान हूं।
बंता- क्यों?
राजू– अरे मेरे घर वालों को घड़ी में टाइम देखना तक नहीं आता।
बंता- मतलब?
राजू– सुबह-सुबह मुझे जल्दी उठाते है और कहते हैं -“उठ जा देख कितना टाइम हो गया”।😜😂😂😂😛🤣