रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संपर्क संबंधों को बढ़ावा देने की योजना के तहत अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सियोम ब्रिज सहित 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की।
श्री सिंह ने आज अरुणाचल प्रदेश में सियोम नदी पर बने 100 मीटर लंबे स्टील आर्च ब्रिज का उद्घाटन किया और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, अरुणाचल पूर्व के सांसद तपीर गाओ, जनरल ऑफिसर की उपस्थिति में ब्रिज साइट से रिमोट बटन दबाकर 27 अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इस दौरान भारतीय सेना के पूर्वी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जीओसी 3 कोर लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा 724.3 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं सात सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड में फैली हुई हैं।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसी सभी परियोजनाओं का एक बार में उद्घाटन सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और विकास की दिशा में बीआरओ और भारत सरकार के सहयोगात्मक प्रयास का परिणाम है।
सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रमुख पुल के उद्घाटन से भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा बलों की आवाजाही और भारी तोपखाने के परिवहन में आसानी होगी।
उन्होंने अरुणाचल के मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि श्री खांडू के नेतृत्व में इस पूर्वोत्तर राज्य ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन या पर्यटन सहित सभी क्षेत्रों में विकास के मोर्चे पर नई ऊंचाई हासिल की है उन्होंने कहा कि आज सियोम ब्रिज का उद्घाटन इस क्षेत्र और पूरे अरुणाचल प्रदेश के समग्र रूप से विकास की गति को एक नई गति मिलेगी।
उन्होंने नई परियोजनाएं मिलने पर बीआरओ, सशस्त्र बलों और क्षेत्र के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि बीआरओ द्वारा तैयार की गई और सड़कों, पुलों, हवाई क्षेत्रों और सुरंगों के निर्माण में एजेंसी द्वारा अपनाई जा रही नई तकनीकों पर एक संग्रह भी जारी किया। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि बीआरओ राष्ट्र निर्माण की दिशा में अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त करना जारी रखेगा और भविष्य में देश के बढ़ते कद में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में उभरेगा।”
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और मिजोरम के दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर स्थित चिकित्सा निरीक्षण कक्षों में तीन टेलीमेडिसिन नोड्स का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा कि ये नोड टेलीमेडिसिन परामर्श के जरिए चिकित्सा और सर्जिकल आपात स्थितियों में शीघ्र चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए हैं, जो स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए बेहद मददगार साबित होंगे।
श्री खांडू ने कहा, “सियोम ब्रिज सहित 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन अपने आप में एक स्पष्ट संदेश देता है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से शुरू होने वाले हिमालयी बेल्ट में कनेक्टिविटी क्षेत्र में सुधार करने में पीछे नहीं हटेगी।”
यह कहते हुए कि मोदी सरकार के तहत अरुणाचल प्रदेश को विशेष रूप से संचार क्षेत्र में लोगों और भारतीय सशस्त्र बलों को लाभ पहुंचाने के लिए बहुत सारे बुनियादी ढांचे मिले हैं, श्री खांडू ने कहा कि आजादी के बाद 2013 तक, अरुणाचल प्रदेश में 20 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया था, जबकि पिछले आठ वर्षों के दौरान 2014 से दिसंबर 2022 तक हम दस हजार किलोमीटर से अधिक सड़क जोड़ा हैं।
उन्होंने कहा, “यह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद के कारण संभव हुआ है।” उन्होंने कहा कि चल रही ट्रांस अरुणाचल प्रदेश परियोजना के अलावा दो प्रमुख घटकों – फ्रंटियर हाईवे और जिला सड़कों की इंटर-कनेक्टिविटी वाली 2500 किमी सड़क परियोजनाओं की हाल की मंजूरी के साथ, एक बार पूरा होने से रक्षा बलों के साथ-साथ नागरिकों को भी लाभ होगा।