आलू को अक्सर हाई कार्बोहाइड्रेट और ब्लड शुगर बढ़ाने वाला खाद्य पदार्थ माना जाता है, लेकिन सही तरीके से खाने पर यह डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदायक नहीं होता। कई अध्ययनों में पाया गया है कि संतुलित मात्रा में और सही तरीके से पकाया गया आलू न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित रख सकता है, बल्कि वजन कम करने में भी मददगार हो सकता है।
आलू खाने से ब्लड शुगर क्यों बढ़ता है?
आलू में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो शरीर में ग्लूकोज में परिवर्तित होकर शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। लेकिन अगर इसे सही तरीके से पकाया और खाया जाए, तो इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम हो सकता है, जिससे यह धीरे-धीरे पचता है और ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ने देता।
डायबिटीज में आलू खाने के सही तरीके
- उबले हुए या ठंडे किए गए आलू खाएं: उबले या ठंडे किए गए आलू में रेजिस्टेंट स्टार्च बनता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- छिलके के साथ खाएं: आलू के छिलके में फाइबर होता है, जो शुगर के अवशोषण को धीमा कर सकता है।
- तले हुए आलू से बचें: फ्रेंच फ्राइज़ या डीप फ्राई किए गए आलू ट्रांस फैट और हाई कैलोरी के कारण नुकसानदेह हो सकते हैं।
- प्रोटीन और फाइबर के साथ खाएं: आलू को दाल, हरी सब्जियों, सलाद या दही के साथ खाने से इसका असर कम हो सकता है।
मोटापा कम करने में कैसे मददगार है आलू?
- ठंडे किए गए उबले आलू में मौजूद रेजिस्टेंट स्टार्च पाचन को धीमा करता है और पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
- कम तेल में भुना हुआ या उबला हुआ आलू फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो वजन नियंत्रण में सहायक होता है।
- सही मात्रा में सेवन करने से यह शरीर में अनावश्यक कैलोरी नहीं बढ़ाता।
क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
- ज्यादा मात्रा में आलू खाने से ब्लड शुगर बढ़ सकता है, इसलिए संतुलित मात्रा में ही सेवन करें।
- इसे हमेशा हाई-फाइबर और प्रोटीन युक्त आहार के साथ मिलाकर खाएं।
- प्रोसेस्ड और फ्राइड आलू उत्पादों से बचें।
डायबिटीज के मरीजों को आलू से पूरी तरह परहेज करने की जरूरत नहीं है। सही तरीके से पकाया और संतुलित मात्रा में खाया गया आलू न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रण में रख सकता है, बल्कि वजन घटाने में भी मददगार हो सकता है। जरूरी है कि इसे हेल्दी तरीके से अपने आहार में शामिल किया जाए।