गाजा में इजराइली कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आशंका के बीच लगातार तीसरी बार शहर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि शहर के नौहट्टा इलाके में स्थित मस्जिद बंद रही और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के चलते सुरक्षाकर्मी इसके आपसपास तैनात रहे।
मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा कि ऐतिहासिक जामिया मस्जिद को बार-बार बंद किया जाना और मीरजवाइज की “नजरबंदी” यह याद दिलाती है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं।
हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा कि कश्मीरी, प्रतिबंधों और खुद पर लगी पाबंदियों के बावजूद फलस्तीनी लोगों के साथ खड़े हैं।
हुर्रियत ने कहा कि युद्ध से कभी शांति कायम नहीं हो सकती और यह केवल तबाही की ओर ले जाता है, इससे अधिक अविश्वास, असुरक्षा और बर्बरता जन्म लेती है।
हुर्रियत ने कहा, “गाजा में बमबारी करके हजारों बच्चों को मार डाला गया, अस्पतालों और घरों को जमींदोज किया जा रहा है, फलस्तीनियों के खिलाफ युद्ध मानवता पर एक धब्बा है। यह बेरोकटोक जारी है और जो लोग मानवाधिकारों तथा स्वतंत्रता के पैरोकार होने का दावा करते हैं वे इसका समर्थन कर रहे हैं या चुप हैं।”
सात अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए अभूतपूर्व हमलों में 1,400 से अधिक लोग मारे गए हैं। हमास ने गाजा में 220 से अधिक लोगों को बंधक बना रखा है।
इजराइल ने गाजा में जवाबी हमले शुरू किए, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।
– एजेंसी