हाई बीपी के मरीज अपनाएं ये खास नमक, ब्लड प्रेशर रहेगा जीवनभर कंट्रोल

हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) आज के समय में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी डिजीज जैसी कई बीमारियों का कारण बन सकती है। हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए सही खान-पान बहुत जरूरी होता है, खासतौर पर नमक का सही चुनाव।

आमतौर पर लोग सफेद टेबल सॉल्ट (सामान्य नमक) का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हाई बीपी के मरीजों को इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए। कुछ खास प्रकार के कम-सोडियम वाले नमक हाई बीपी को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।

तो आइए जानते हैं कि हाई बीपी के मरीजों के लिए कौन सा नमक सही है, इसे कैसे और कितनी मात्रा में लेना चाहिए, और कौन-कौन से नमक से बचना जरूरी है?

हाई बीपी में कौन सा नमक खाना चाहिए?

1. सेंधा नमक (Rock Salt)

कम सोडियम, ज्यादा मिनरल्स – सेंधा नमक में साधारण टेबल सॉल्ट की तुलना में कम सोडियम होता है और यह पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और जिंक जैसे मिनरल्स से भरपूर होता है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है – इसमें मौजूद पोटैशियम ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करता है और हाई बीपी को कंट्रोल करने में मदद करता है।
पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद – सेंधा नमक पाचन को दुरुस्त रखने में भी सहायक होता है।

कैसे खाएं?

  • सेंधा नमक को नॉर्मल खाने, सलाद और छाछ में मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • ज्यादा फायदा पाने के लिए इसे रोजाना गुनगुने पानी में मिलाकर भी पिया जा सकता है।

2. काला नमक (Black Salt)

कम सोडियम, हाई सल्फर – काले नमक में टेबल सॉल्ट की तुलना में सोडियम कम होता है, जिससे यह हाई बीपी मरीजों के लिए सुरक्षित हो सकता है।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है – इसमें मौजूद मैग्नीशियम और आयरन ब्लड फ्लो को सुधारते हैं और हाई बीपी के जोखिम को कम करते हैं।
एसिडिटी और गैस से भी राहत – यह पाचन को भी दुरुस्त रखता है और एसिडिटी की समस्या से बचाता है।

कैसे खाएं?

  • काला नमक को सलाद, फलों, छाछ और दही में मिलाकर खाएं।
  • रोजाना सुबह गुनगुने पानी में चुटकीभर काला नमक डालकर पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रह सकता है।

3. लो-सोडियम नमक (Low-Sodium Salt)

कम सोडियम, ज्यादा पोटैशियम – यह खास तरह का नमक सोडियम की मात्रा को कम करके पोटैशियम को बढ़ा देता है, जिससे यह हाई बीपी मरीजों के लिए बेहतर विकल्प बन जाता है।
दिल की सेहत को बनाए रखता है – लो-सोडियम नमक हार्ट हेल्थ को बेहतर करता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है।
किडनी पर कम असर डालता है – हाई बीपी के मरीजों के लिए किडनी हेल्थ बेहद जरूरी होती है, और यह नमक किडनी को नुकसान नहीं पहुंचाता।

कैसे खाएं?

  • इसे सामान्य खाने में टेबल सॉल्ट की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं
  • लो-सोडियम नमक बाजार में स्पेशल हाइपरटेंशन डाइट के लिए उपलब्ध होता है, जिसे डॉक्टर की सलाह के बाद लिया जा सकता है।

कौन सा नमक हाई बीपी में नहीं खाना चाहिए?

टेबल सॉल्ट (White Salt) – इसमें सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो हाई बीपी को और बढ़ा सकता है।
प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड में मिला नमक – जंक फूड, चिप्स, नमकीन, और रेडी-टू-ईट फूड्स में अधिक मात्रा में सोडियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर के लिए हानिकारक हो सकता है।
समुद्री नमक (Sea Salt) अधिक मात्रा में – समुद्री नमक में मिनरल्स होते हैं, लेकिन इसका ज्यादा सेवन करने से सोडियम की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे बीपी कंट्रोल में नहीं रहता।

नमक की सही मात्रा कितनी होनी चाहिए?

WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर में 5 ग्राम (1 छोटी चम्मच) से ज्यादा नमक नहीं लेना चाहिए।
हाई बीपी मरीजों को 3-4 ग्राम (करीब आधी चम्मच) तक नमक खाना चाहिए
नमक को अचानक बंद नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे धीरे-धीरे कम करें और हेल्दी विकल्प अपनाएं।

अगर आप हाई बीपी को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो सफेद टेबल सॉल्ट की बजाय सेंधा नमक, काला नमक या लो-सोडियम नमक का इस्तेमाल करें। सही मात्रा और सही तरीके से नमक का सेवन करने से आप दिल की बीमारियों से बच सकते हैं और जीवनभर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख सकते हैं।