अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाले कोरोना काल में भारत में बढ़ी जागरूकता के कारण आर्गेनिक खाद्य बाजार को काफी बढ़ावा मिला और अब यह करीब 22 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है।
कनफेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक फूड प्रोड्यूसर्स एंड मार्केटिंग एजेंसीज (सीओआईआई) के एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है।
सर्वे के मुताबिक, कोविड-19 महामारी ने हालांकि अर्थव्यवस्था और रोजगार समेत लगभग सभी क्षेत्रों को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है, लेकिन स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करने के प्रति लोगों की जागरूकता में खासी वृद्धि होने के कारण इसने आर्गेनिक खाद्य उत्पाद क्षेत्र को अप्रत्याशित बढ़ावा दिया है।
सीओआईआई के अध्यक्ष डी. एस. रावत ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि आर्गेनिक खाद्य क्षेत्र जहां कोरोना काल से पहले 14-15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा था, वह अब 22 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सीओआईआई ने मध्यम वर्ग के 1,500 लोगों पर एक ऑनलाइन सर्वे किया है जिसमें 76 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया है कि कोविड-19 महामारी ने स्थानीय स्तर पर पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उगाये गये खाद्य उत्पादों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ाया है। इसकी वजह से आर्गेनिक खाद्य उत्पादों की मांग में इजाफा हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस वक्त भारत का आर्गेनिक खाद्य बाजार 160 करोड़ डॉलर का है और 21.19 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से वर्ष 2032 तक इसके 892 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
रिपोर्ट में पाया गया है कि उच्च मध्यम वर्ग के ज्यादातर उपभोक्ता अपनी सेहत और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साधन के तौर पर आर्गेनिक खाद्य उत्पादों को अपना रहे हैं।
रावत ने कहा कि आर्गेनिक खेती के कुल रकबे में किसी खास उत्पाद के पर्याप्त उत्पादन के अभाव के चलते इन उत्पादों की आर्थिक व्यवहार्यता को लेकर गंभीर समस्या हो रही है। सर्वे के दायरे में लिये गये 500 से ज्यादा उत्तरदाताओं ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों की नीतियों में इस बात पर खास ध्यान दिया जाना चाहिये कि आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के लिये आर्गेनिक खाद पैदा करने के मकसद से सीवेज समेत सभी तरह के जैव अपघटनीय अपशिष्ट पदार्थों की रीसाइक्लिंग की जाए।
रिपोर्ट में उपभोक्ताओं को आर्गेनिक उत्पादों के फायदों के बारे में बताने और उन्हें स्थानीय स्तर पर आर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के उत्पाद खरीदकर उन्हें प्रोत्साहित करने के प्रति जागरूक किये जाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया है।
– एजेंसी