एक बार एक व्यक्ति चोट लगने पर गले पर हाथ रखे हुए घर पहुँचा तो उसकी पत्नी ने
पूछा- ‘कैसे लगी।
व्यक्ति ने कहा- ‘जिस नगरसेवा में बैठा था, वहाँ एक कील बाहर थी, उससे लगी।
पत्नी- ‘तो किसी से सीट बदल लेते।
व्यक्ति ने कहा- ‘किससे बदलता, पूरी नगरसेवा तो खाली थी।😜😂😂😂😛🤣
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रेलवे स्टेशन पर खड़े शर्माजी ने एकाएक अपनी पेंट की जेब में किसी का हाथ महसूस
किया। वे हाथ डालने वाले से बोले- ‘यह क्या कर रहे हो।
वह बोला- ‘जरा माचिस ले रहा था।
शर्माजी नाराज होकर बोले- ‘मुझसे माँग नहीं सकते थे?
उसने जवाब दिया- ‘मैं अजनबियों से बात नहीं करता।😜😂😂😂😛🤣
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जज (गवाह से)- ‘तुम्हारा क्या खयाल है, यह आदमी कैसे मरा?
गवाह- ‘हुजूर, यह बचपन से ही बहुत भुलक्कड किस्म का आदमी था। मेरा खयाल है
कि यह साँस लेना भूल गया होगा।😜😂😂😂😛🤣
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राम (श्याम से)- ‘यार, तुमने जो पौधा मेरे घर के गमले में लगाया था वह अभी तक
बढा ही नहीं।
श्याम- ‘तुम्हें कैसे पता चला?
राम- ‘क्योंकि मैं उसे रोज उखाडकर देखता हूँ।😜😂😂😂😛🤣