रेखा : हॅलो! कहाँ हो?
राकेश : याद है, पिछली दीपावली पर हम एक
ज्वेलरी की दुकान में गये थे… जहाँ तुम्हें एक हार
पसंद भी आ गया था।
रेखा: हाँ! याद आया…
राकेश: और उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे।
रेखा (खुशी से): हाँ! हाँ! याद है।
राकेश: और फिर मैंने कहा था कि ये हार एक दिन
मैं तुम्हें लेके दूँगा।
रेखा(और ज़्यादा खुशी से): हाँ हाँ हाँ.. बहुत
अच्छी तरह से याद है।
राकेश: तो बस उसी की बगल वाली दुकान में
बाल कटवा रहा हूँ…थोड़ा लेट आऊँगा!!😜😂😂😂😛🤣
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नेता – हाँ. अब सही समय आ गया है.
जनता- क्या आप देश को लूट खाओगे ?
नेता – बिल्कुल नही.
जनता – हमारे लिए काम करोगे?
नेता – हाँ. बहुत.
जनता – महगांई बढ़ाओगे?
नेता – इसके बारे में तो सोचो भी मत.
जनता – आप हमे जॉब दिलाने में मदद करोगे ?
नेता – हाँ. बिल्कुल करेंगे.
जनता -क्या आप देश मे घोटाला करोगे?
नेता – पागल हो गए हो क्या बिलकुल नहीं.
जनता – क्या हम आप पर भरोसा कर सकते हैं ?
नेता – हाँ
जनता – नेता जी …
चुनाव जीतकर नेताजी वापस आये
अब आप, नीचे से ऊपर पढ़ो.😜😂😂😂😛🤣