इन जानलेवा बीमारियों की वजह बन सकता है मोटापा

कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनके होने पर कोई खास दिक्कत नहीं होती है. लेकिन इन बीमारियों के कारण और दूसरी बीमारियां जरूर परेशान करने लगती हैं. ऐसी ही एक बीमारी है मोटापा, जिसके कारण सिर्फ उठने-बैठने और चलने में दिक्कत होती है लेकिन मोटापे के कारण कोलेस्ट्रोल से लेकर डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी कई समस्याएं हो जाती हैं. यहां ऐसी ही 8 बीमारियों के बारे में बताया जा रहा है…

ऑस्टियोऑर्थराटिस: मोटापे के कारण बढ़ा हुआ एक्स्ट्रा वेट घुटनों पर बहुत बुरा असर डालता है. हालांकि इसका असर हर इंसान के शरीर पर अलग-अलग होता है. लेकिन कुछ लोगों के लिए मोटापे से बढ़ा वजन घुटनों के जॉइंट्स में मौजूद कार्टिलेज (उपास्थि) को डैमेज कर देता है. ये स्थिति आगे बढ़कर ऑस्टियोऑर्थराइटिस का रूप ले लेती है.

स्ट्रोक और हार्ट डिजीज: जिन लोगों का वजन बहुत अधिक बढ़ जाता है, उनके शरीर में हाई कॉलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड शुगर की समस्या रहने लगती है, ये दोनों ही स्थितियां हार्ट स्ट्रोक की आशंका को बढ़ाती हैं.

डायबिटीज टाइप-2: मोटापे से जुड़ी सबसे आम बीमारियों में शामिल है डायबिटीज टाइप-2. यानी शुगर की बीमारी का वो प्रकार जो लाइफस्टाइल डिजीज है.

कैंसर का खतरा: कुछ खास तरह के कैंसर मोटापे के कारण ट्रिगर होते हैं. इसलिए कहा जाता है कि मोटापे के शिकार लोगों में कैंसर होने का खतरा बहुत अधिक होता है. जैसे, कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, किडनी कैंसर इत्यादि.

गॉलब्लेडर डिजीज: मोटापे के शिकार लोगों में गॉलब्लेडर से संबंधित बीमारियां फिट लोगों की तुलना में बहुत अधिक होती हैं. खासतौर पर उन लोगों में जो बहुत जल्दी वेट गेन करते हैं या बहुत जल्दी वेट लूज करते हैं. इसलिए गॉलब्लेडर स्टोन की समस्या से बचने के लिए वेट लूज करने के दौरान इस बात को सुनिश्चित करें कि आप हर सप्ताह एक पौंड के हिसाब से वेट लूज करें.

नींद की बीमारी: अधिक नींद आना या कम नींद आना, मोटापे के कारण इन दोनों में से कोई भी समस्या आपको हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फैट की अधिकता के कारण श्वसन का ऊपरी हिस्सा कुछ सिकुड़ जाता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी और ब्लड सप्लाई स्लो होने लगती है इसलिए नींद अधिक आती है.

अस्थमा: अमेरिकन लंग एसोसेशियन के अनुसार, पेट और सीने पर अधिक मात्रा में फैट जमा होने से फेफड़ों को संकुचित कर देता और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. इससे अस्थमा की समस्या हो जाती है.

यूरिक एसिड की समस्या: ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या को गाउट (Gout) कहा जाता है. ब्लड में बढ़े हुए यूरिक एसिड लेवल के कारण जोड़ों में दर्द की बीमारी रहने लगती है.

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