मजेदार जोक्स: खुशी का ठिकाना न रहा

मास्टर जी- “खुशी का ठिकाना न रहा” कोई इस मुहावरे का अर्थ बताओ?
पप्पू – खुशी घर वालों से छिपकर, हर रोज अपने दोस्त से मिलने जाती थी।
फिर एक दिन उसके पापा ने उसे देख लिया और खुशी को घर से निकाल दिया।
अब बेचारी “खुशी का ठिकाना न रहा”।
यह जवाब सुनकर मास्टर जी अभी तक बेहोश ही हैं।😜😂😂😂😛🤣

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मास्टर जी – खाना खाने से पहले सभी बच्चों को अपने हाथ धोने चाहिए।
पप्पू – लेकिन, मैं तो खाना खाने के बाद हाथ धोता हूं।
मास्टर जी- ऐसा क्यों?
पप्पू – ताकि मोबाइल पर दाग न पड़ जाए।😜😂😂😂😛🤣

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मास्टर जी- बताओ, ताजमहल किसने बनाया था?
पप्पू – मिस्त्री ने।
मास्टर जी – अरे बेवकूफ किसने बनवाया था?
पप्पू – तो फिर ठेकेदार ने बनवाया होगा।😜😂😂😂😛🤣

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पापा – मेरा बेटा मुझे ज्यादा प्यार करता है।
मम्मी – नहीं, मेरा बेटा मुझे ज्यादा प्यार करता है।
पापा – अच्छा..चलो बेटे को चुपके से कंकड़ मारते हैं, वो डरकर जिसका नाम लेगा उसी से वह ज्यादा प्यार करता है।
मम्मी – ठीक है।
उन्होंने जैसे ही चिंटू को पत्थर मारा चिंटू चिल्लाते हुए बोला – कौन है बेवकूफ, बाहर आ तेरी खबर लेता हूं।😜😂😂😂😛🤣

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