स्टार्टअप्स की नई राजधानी: एमपी में तेजी से बढ़ रहे इनोवेटिव बिजनेस

नीति आयोग ने हाल ही में इनोवेशन इंडेक्स रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देश में स्टार्टअप और यूनिकॉर्न कंपनियों की तेजी से हो रही वृद्धि को दर्शाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में शुरू हुए ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियान ने देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत किया है, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं।

61400 स्टार्टअप्स कर रहे हैं शानदार काम
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के मुताबिक, भारत में फिलहाल 61,400 स्टार्टअप सक्रिय हैं, जिनमें से 14,000 स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हैं। दिलचस्प बात यह है कि 2016-17 में यह संख्या केवल 733 थी, लेकिन बीते वर्षों में इसमें जबरदस्त उछाल आया है।

महानगरों से आगे बढ़कर टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप्स
पहले स्टार्टअप्स केवल महानगरों तक सीमित थे, लेकिन अब यह संस्कृति टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी तेजी से विकसित हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, देश के 55% स्टार्टअप्स महानगरों में हैं, जबकि 45% छोटे शहरों से संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा, भारत में चल रहे स्टार्टअप्स में 45% स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, जो कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

2021: स्टार्टअप्स के लिए ऐतिहासिक साल
साल 2021 में, जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी, भारत में स्टार्टअप्स ने रिकॉर्ड 44 नए यूनिकॉर्न बनाए। यूनिकॉर्न उन स्टार्टअप्स को कहा जाता है जिनकी मार्केट वैल्यू 1 बिलियन डॉलर या उससे अधिक हो जाती है। वर्तमान में भारत में 83 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स हैं, जिनकी कुल बाजार वैल्यू 277 बिलियन डॉलर है।

भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब
इकोनॉमिक सर्वे 2021-22 के अनुसार, भारत अब तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। इस मामले में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है और अब सिर्फ अमेरिका और चीन ही आगे हैं। खासकर स्मार्टफोन और डिजिटल तकनीक के विस्तार के चलते फिनटेक, ई-कॉमर्स, एडटेक और डिजिटल प्लेटफॉर्म वाले स्टार्टअप्स में जबरदस्त ग्रोथ देखने को मिली है।

मध्य प्रदेश: नया स्टार्टअप हब बनकर उभर रहा है
मध्य प्रदेश, जिसे अब तक खेती और पारंपरिक बिजनेस हब के रूप में जाना जाता था, अब तेजी से स्टार्टअप हब बनता जा रहा है। एमपी में बीते कुछ वर्षों में कई सफल स्टार्टअप्स लॉन्च हुए हैं।

एमपी में 1960 स्टार्टअप्स कर रहे हैं काम
एमएसएमई विभाग की वेबसाइट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 1960 स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं, जिनमें से 72 स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हैं। इंदौर अकेले 461 टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स का घर बन चुका है।

मध्य प्रदेश के बड़े स्टार्टअप्स
शॉपकिराना:
इंदौर-बेस्ड यह स्टार्टअप छोटे दुकानदारों और बड़े ब्रांड्स को मोबाइल ऐप के जरिए जोड़ता है, जिससे उनकी बिक्री बढ़ती है। 2015 में शुरू हुए इस स्टार्टअप से 12,000 से अधिक रिटेलर्स जुड़े हैं। 2018 में इसे 2 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली थी।

बातूनी, सिक्योरिटी बुल्स, क्लोदिंग इनोवेशन, उमोजा पे और ग्रामोफोन जैसे स्टार्टअप भी एमपी में तेजी से बढ़ रहे हैं। भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में भी स्टार्टअप्स सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं।

एमपी सरकार की स्टार्टअप नीति और योजनाएं
मध्य प्रदेश सरकार भी स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई आकर्षक योजनाएं चला रही है:
✅ स्टार्टअप सेंटर: राज्य में स्टार्टअप्स को स्थापित करने के लिए विशेष केंद्र बनाए गए हैं।
✅ एमपी स्टार्टअप पोर्टल: जहां से स्टार्टअप से जुड़ी सभी जानकारियां ली जा सकती हैं।
✅ 15 लाख तक की वित्तीय सहायता: सरकार निवेश पर 15% (महिलाओं के लिए 20%) तक की सब्सिडी देती है।
✅ लीज रेंट में छूट: स्टार्टअप्स को 3 साल तक हर महीने 5000 रुपए की छूट मिलती है।
✅ बिजली में छूट: 3 साल तक बिजली की दर 5 रुपए प्रति यूनिट रखी गई है।
✅ सामाजिक समस्याओं को हल करने वाले स्टार्टअप्स को 1 करोड़ तक की मदद दी जाती है।

निष्कर्ष:
भारत में स्टार्टअप क्रांति तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। डिजिटलाइजेशन और तकनीकी नवाचारों के चलते भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है। खासकर मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में स्टार्टअप्स का तेजी से विस्तार दिखाता है कि यह सिर्फ महानगरों तक सीमित नहीं रह गया है। सरकारी योजनाओं और निवेशकों की दिलचस्पी के चलते आने वाले वर्षों में भारत और भी ज्यादा स्टार्टअप हब के रूप में उभरेगा।

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