राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि गहरे समुद्र में खनिजों की संभावनाएं तलाशना जरूरी है।
मुर्मू ने बुधवार को बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा एवं राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते कहा कि खान मंत्रालय ने पिछले महीने परिचालन अधिकार प्रदान करने के लिए कुछ अपतटीय ब्लॉक की पहचान की है। उन्होंने कहा, ”यह महत्वपूर्ण है कि गहरे समुद्र में खनन के जरिये खनिजों की संभावनाएं तलाशें।”
राष्ट्रपति ने कहा कि इसी लक्ष्य के साथ ‘डीप ओशन’ मिशन शुरू किया गया। इस मिशन से अपने समुद्री जनजीवन के बारे में हमारी समझ भी बेहतर होगी। भारत का समुद्र-यान इस क्षेत्र में शोध कर रहा है।
मुर्मू ने कहा कि धरती पर महत्वपूर्ण खनिजों की संख्या सीमित है। ”यही वजह है कि सरकार चक्रीय अर्थव्यवस्था (संसाधन के अनुकूलतम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था) को प्रोत्साहन दे रही है। देश की पहली ‘वाहन कबाड़ नीति’ इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए लाई गई है।”
पिछले साल अगस्त में सरकार ने अपतटीय क्षेत्रों में परिचालन अधिकारों के आवंटन के लिए अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम (ओएएमडीआर) में संशोधन किया था और एक पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी।
इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए मंत्रालय ने नियमों के मसौदे के दो सेट बनाए थे। इनमें से एक अपतटीय क्षेत्र खनिज नीलामी नियम और दूसरा अपतटीय क्षेत्र खनिज संसाधनों के अस्तित्व का नियम है।
– एजेंसी