अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंध रखने वाले तीन बार के विधायक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के करीबी माने जाने वाले नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन सिंह एक छात्र के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने के बाद मध्य प्रदेश में शीर्ष पद पर पहुंचे हैं।
उज्जैन दक्षिण से 58 वर्षीय विधायक मोहन यादव ने बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
वह पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के बाद 2003 के बाद से राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चौथे ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। वह कांग्रेस के प्रकाश चंद्र सेठी के बाद उज्जैन से ताल्लुक रखने वाले दूसरे मुख्यमंत्री भी हैं।
मुख्यमंत्री के रूप में यादव की नियुक्ति से भाजपा के दिग्गज नेता और चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के युग का अंत हो गया, जिन्होंने करीब दो दशकों तक राज्य की राजनीति पर दबदबा बनाए रखा।
यादव के पास पीएचडी, एलएलबी और एमबीए की डिग्री है। वह तलवार चलाने में भी कुशल हैं।
यादव मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में शामिल नहीं थे। उन्हें इस पद की जिम्मेदारी देना अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले देश के अन्य हिस्सों में जनसंख्या के लिहाज से महत्वपूर्ण ओबीसी समुदाय पर प्रभाव हासिल करने की भाजपा की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
मध्य प्रदेश की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत से अधिक है और यह भगवा पार्टी का मुख्य मतदाता आधार है।
वह पहली बार 2020 में मंत्री बने जब कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के पतन के बाद भाजपा सत्ता में वापस आई।
यादव का जन्म 25 मार्च, 1965 को उज्जैन में हुआ था। उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर है। उन्होंने 1982 में माधव साइंस कॉलेज उज्जैन के संयुक्त सचिव के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1984 में इसके अध्यक्ष के रूप में चुने गए।
यादव ने एलएलबी और एमबीए की डिग्री के अलावा डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री भी हासिल की। हिंदूवादी संगठन के एक पदाधिकारी ने कहा कि यादव युवा अवस्था से ही आरएसएस से जुड़े रहे और 1993 से 1995 तक वह उज्जैन शहर में इसके पदाधिकारी थे।
वर्ष 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए यादव ने 2011-13 तक मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह 2018 और फिर 2023 में इस सीट से पुन: चुने गए। शिवराज सिंह चौहान की पूर्व सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे यादव ने 17 नवंबर को हुए चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार चेतन यादव को 12,941 वोट के अंतर से हराया।
वर्ष 2021 में, यादव ने स्नातक (बीए) के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए दर्शन विषय के तहत हिंदू महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ के पाठ को एक वैकल्पिक (वैकल्पिक) पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने की घोषणा की थी। उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपति पद के हिंदी नामकरण का नाम ‘कुलपति’ से ‘कुलगुरु’ करने का प्रस्ताव भी रखा था।
यादव मंदिरों के शहर उज्जैन से भाजपा के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं। उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल नवनिर्मित महाकाल लोक गलियारा समर्पित किया था।
यादव के समर्थकों ने कहा कि भगवान महाकाल (भगवान शिव) के आशीर्वाद के कारण यादव को शीर्ष पद मिला।
महाकाल लोक गलियारे के निर्माण में कथित अनियमितताओं को कांग्रेस ने बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था। उज्जैन में प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर मंदिर के पास 900 मीटर से अधिक लंबे गलियारे – महाकाल लोक – को मई में एक आंधी के कारण नुकसान हुआ था। तब से कांग्रेस प्राचीन मंदिर के आसपास पुनर्विकास परियोजना में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सत्तारूढ़ दल पर निशाना साध रही है।
यादव ने 2004-2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। यह धार्मिक शहर हर 12 साल में सिंहस्थ (कुंभ) मेले का आयोजन करता है। यादव मध्य प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और एमपी कुश्ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। यादव की पत्नी सीमा यादव है और उनके दो बेटे एवं एक बेटी हैं।
यादव ने सोमवार को भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के तुरंत बाद कहा था कि वह राज्य के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करेंगे और उन्होंने एक ‘छोटे कार्यकर्ता’ पर विश्वास जताने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, ”मैं भाजपा को भारी बहुमत से जिताने वाले राज्य के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करूंगा। भाजपा ने एक छोटे कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी दी है। मैं पार्टी की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करूंगा।” उन्होंने कहा, ”मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा को धन्यवाद देता हूं। मैं मोदी जी और (निवर्तमान) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई कल्याण और विकास (योजनाओं) पर काम करूंगा।”
– एजेंसी