मोदी ने स्वाधीनता संग्राम सेनानी श्री अरविंदो पर जारी किया सिक्का और डाक टिकट

नयी दिल्ली (एजेंसी/वार्ता): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महान दार्शनिक एवं स्वाधीनता संग्राम सेनानी श्री अरविंदो की 150वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में मंगलवार आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए 150 रुपए का एक स्मारक सिक्का और इसी मूल्य का डाक टिकट जारी किया।

इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि श्री अरविदों की प्रेरणाओं, विचारों को हमारी नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए देश ने इस पूरे साल को विशेष रूप से मनाने का संकल्प लिया था और इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई थी, संस्कृति मंत्रालय के नेतृत्व में तमाम अलग-अलग कार्यक्रम भी हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में आज भीषण चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों के समाधान में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसलिए महर्षि अरविंदो से प्रेरणा लेकर हमें खुद को तैयार करना है। सबका प्रयास से विकसित भारत का निर्माण करना है।

उन्होंने कहा कि श्री अरविदों के जीवन और उनकी शिक्षाओं से प्ररेणा लेते हुए राष्ट्र के ये प्रयास हमारे संकल्पों को एक नई ऊर्जा और ताकत देंगे। उन्होंने कहा कि श्री अरविंदो का जीवन एक भारत श्रेष्ठ भारत का प्रतिबिंब हैं। उनका जन्म भले ही बंगाल में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपना ज्यादातर जीवन पुड्डुचेरी और गुजरात में बिताया। वे जहां भी गये वहां अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ी।

उन्होंने कहा कि आज पूरे देश का युवा भाषा-वेशभूषा के आधार पर भेद करने वाली राजनीति को पीछे छोड़कर एक भारत क्षेष्ठ भारत की राष्ट्रनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि महर्षि अरविंदो के जीवन में हमें भारत की आत्मा और भारत की विकास यात्रा के मौलिक दर्शन होते हैं। अरबिंदो ऐसे व्यक्तित्व थे जिनके जीवन में आधुनिक शोध भी था। राजनैतिक प्रतिरोध भी था और ब्रह्म बोध भी था। उन्होंने कहा कि भारत में वे अमर बीज है जो विपरीत से विपरीत परिस्थितियों थोड़ा दब सकता है, थोड़ा मुरझा सकता है, लेकिन वे मर नहीं सकता।भारत मानव सभ्यता का सबसे परिष्कृत विचार है, मानवता का सबसे स्वाभाविक स्वर है।

उन्होंने कहा कि जब प्रेरणा और कर्तव्य, मोटिवेशन और एक्शन एक साथ मिल जाते हैं, तो असंभव लक्ष्य भी अवश्यम्भावी हो जाते हैं। आजादी के अमृतकाल में आज देश की सफलताएं, देश की उपलब्धियां और ‘सबका प्रयास’ का सकंल्प इस बात का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास में कई बार एक ही कालखंड में कई अद्भुत घटनाएँ एक साथ होती हैं जिन्हें एक संयोग मान लिया जाता है पर, “मैं मानता हूँ, जब इस तरह के संयोग के पीछे कोई न कोई योग शक्ति काम करती है। ” उन्होंने इसी संदर्भ में भारत के इतिहास के एक कालखंड में श्री अरविंदो, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के उदय का जिक्र किया। श्री मोदी ने कहा कि भारत में ऐसे कई महापुरुष हुए हैं, जिन्होंने आज़ादी का भाव भी सशक्त किया और आत्मा को भी पुनर्जीवन दिया।

श्री अरविंदो, स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी, ऐसे महापुरुष हैं जिनके जीवन में कुछ घटनाएं एक ही समय में घटीं। इन घटनाओं से इन महापुरुषों का जीवन भी बदला और राष्ट्रजीवन में भी बड़े परिवर्तन आए। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1893 में 14 वर्ष बाद श्री अरविंदो इंग्लैंड से भारत लौटे। वर्ष 1893 में ही स्वामी विवेकानंद विश्व धर्म संसद में अपने विख्यात भाषण के लिए अमेरिका गए। और, इसी साल गांधी जी दक्षिण अफ्रीका गए जहां से उनकी महात्मा गांधी बनने की यात्रा शुरू हुई, और आगे चलकर देश को आज़ादी महानायक मिला।

-एजेंसी/वार्ता

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