तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नीट (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) विरोधी विधेयक को मंजूरी देने का शुक्रवार को आग्रह किया।
मुर्मू भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय (आईएमयू) के आठवें दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को यहां पहुंचीं थीं।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने नीट के संबंध में राष्ट्रपति को हवाई अड्डे पर एक पत्र सौंपा।
स्टालिन ने मुर्मू को लिखे पत्र में कहा कि ‘तमिलनाडु स्नातक चिकित्सकीय डिग्री पाठ्यक्रम प्रवेश विधेयक, 2021’ को मूल रूप से उसी वर्ष सितंबर में राज्य विधानसभा ने पारित कर दिया था, जिसे बाद में राज्यपाल आर एन रवि ने लौटा दिया।
उन्होंने कहा कि इसे फरवरी 2022 में विधानसभा द्वारा फिर से पेश एवं पारित किया गया और राज्यपाल के पास पुन: भेजा गया। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए ‘आरक्षित’ रख लिया गया।
राज्यपाल ने फिर इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया था।
स्टालिन ने मुर्मू से कहा, ”स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय और आयुष मंत्रालय की टिप्पणियों के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विधेयक पर स्पष्टीकरण मांगे थे, जिनका जवाब शीघ्र ही दे दिया गया। हमारे जवाब देने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई, इसलिए 14 अगस्त, 2023 को लिखे अपने पत्र में मैंने इस देरी के कारण वंचित छात्रों के लिए अवसर कम होने और कई छात्रों के आत्महत्या करने जैसे विभिन्न प्रतिकूल प्रभावों पर प्रकाश डाला था और आपसे बिना कोई देरी किए मंजूरी देने का आग्रह किया था।”
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल में पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर दे दिया गया है।
स्टालिन ने कहा, ”लेकिन हमारे विधेयक को दुर्भाग्य से अभी तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। इस परिदृश्य में, मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि हमारे विधेयक को मंजूरी देने में अत्यधिक देरी करने से उन कई योग्य छात्रों का मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिला नहीं हो सका जो महंगी कोचिंग सुविधाएं नहीं ले सकते।”
उन्होंने मुर्मू से कहा, ”इसलिए, मैं इस संवेदनशील मुद्दे में आपसे तत्काल हस्तक्षेप करने और विधेयक को जल्द से जल्द मंजूरी दिए जाने का आग्रह करता हूं।”
– एजेंसी