90 दिन से नहीं मिला मिर्जापुर के एक्टरएमएम फारूकी को पेमेंट तो छलका दर्द

‘विक्रम और बेताल’, ‘देख भाई देख’ जैसे टीवी सीरियल्स और वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ में अहम किरदार निभाने वाले एमएम फारूकी को लिलीपुट के नाम से जाना जाता है. एक्टर ने हाल ही में टेलीविजन इंडस्ट्री में पहले और हाल के पेमेंट सिस्टम पर बात की है. उनका मानना है कि पहले और अब में काफी अंतर है.

राजश्री अनप्लग्ड से बात करते हुए एमएम फारूकी ने कहा कि पहले सभी कलाकारों को काम पूरा होते ही पेमेंट कर दी जाती थी लेकिन अब 90 दिनों यानी तीन महीने बाद काम के पैसे दिए जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारे समय में कलाकार आते थे, अपना काम करते थे, शाम को अपनी फीस लेते थे और चले जाते थे.’ उनके मुताबिक वर्तमान समय का पेमेंट सिस्टम बेईमान और अमानवीय है.

‘देश गरीब था तो पैसा भी मिल जाता था’
फारूकी ने आगे कहा कि आज कलाकार आता है, दिन भर काम करता है और उसे 90 दिन बाद उसका पैसा मिलता है. जब हमारा देश गरीब था तो लोगों को पैसा भी समय पर मिल जाता था और कन्वेंस भी मिल जाता था. लेकिन अब, जब देश समृद्ध है, तो कलाकार को न तो गाड़ी मिलती है और न ही काम के हिसाब से सही पैसे मिलते है.

‘अमानवीयता और इतनी बेईमानी अच्छी बात नहीं’
फारूकी के मुताबिक हाल में जो भी पेमेंट सिस्टम है वह इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी ट्रैजेडी है. चाहे मेकर हों या चैनल, एक-दूसरे पर दोष डालते हैं. वहीं एक्टर, टेक्नीशियन, धोबी, डॉक्टर और व्यापारी मजबूर होते हैं. 90 दिन के बाद कोई पैसे नहीं लेता, उन्हें तुरंत पैसे दिए जाने चाहिए. फारूकी ने 90 दिन वाले पेमेंट सिस्टम को ‘कलयुग’ तक बता दिया. उन्होंने कहा कि इतनी अमानवीयता और इतनी बेईमानी अच्छी बात नहीं है. ऐसे में सुधार की जरूरत है.

90 दिन वाले पेमेंट सिस्टम को बताया गलत
‘विक्रम और बेताल’ एक्टर कहते हैं, जब हम शूटिंग शुरू करते हैं और जब हमारे शो टेलीकास्ट होते हैं, तब कम से कम दो-तीन महीने का अंतर होता है. जीएसटी भी है जिसके लिए मेकर्स एडवांस पेमेंट करते हैं और शूटिंग के खर्च के साथ-साथ हर महीने सैलरी भी देते हैं, इसकी वजह सो शो का बजट बढ़ जाता है. 90 दिन वाले पेमेंट सिस्टम को इन सब चीजों का ध्यान रखकर किया गया है लेकिन यह ठीक नहीं है.

यह भी पढे –

सिर दर्द होने पर क्या आप भी तुरंत खा लेते हैं दवा, ऐसा करना हो सकता है ‘खतरनाक’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *