झारखंड़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने राज्यसभा के शून्यकाल में झारखंड़ से हो रहे पलायन के मामले को उठाया। प्रकाश ने कहा कि झारखंड़ राज्य लोहा, तांबा, सोना, अभ्रक, बॉक्साइट, यूरेनियम सहित कई अन्य खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य है। खनिज संपदा से परिपूर्ण होने के कारण कई उद्योग वहां लग सकता है, लेकिन राज्य सरकार की नीति के कारण इसमें बाधाएं है।
प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी अहर्ता को पूरा करने के बावजूद भी राज्य सरकार की गलत नियति के कारण झारखंड के माइंस आज बन्द है। केंद्र सरकार के द्वारा खदानों का लीज में आवंटन किया जा रहा है, परंतु राज्य सरकार की गलत नीति और नियति के कारण उद्योगपतियों के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं हो पा रहा है। उद्योग लगने से रोजगार सृजित होती है, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार के नीति और नियति में खोट के कारण आज वहां से उद्योग और उद्योगपति पलायन कर रहे हैं। उद्योग नहीं लग पाने के कारण झारखंड़ के युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे है साथ ही आपराधिक संगठनों में शामिल हो रहे है।
प्रकाश ने कहा कि झारखंड़ के माइंस नहीं खुलने के कारण के पीछे सरकार की संरक्षण में एक संगठित अपराधियों और दलालों का गिरोह काम कर रहा है। इन अपराधियों और दलालों के माध्यम से अवैध खनन हो रहा है। राज्य एवं केंद्र सरकार के राजस्व में कमी हो रही है। प्रकाश के बोलने के दौरान टोका टोकी की गई उसी बीच उन्होंने कहा कि मैं कोयला, भूमि, शराब घोटाले की बात नहीं कर रहा हूं बल्कि राज्य की वर्तमान परिस्थितियों से सदन को अवगत करा रहा हूं।
– एजेंसी