माइग्रेन दिमाग की एक गंभीर समस्या मानी जाती है. इस बीमारी में आधे सिर मेें दर्द होता है. इस दर्द को आमतौर पर आधी शीशी का दर्द भी माना जाता है. मौसम बदलने के साथ यह बीमारी तेजी से परेशान करती है. तनाव बढ़ने, अधिक रोशनी जैसे कई प्रमुख कारक होते हैं, जहां ये बीमारी एक बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि जो लोग माइग्रेन से पीड़ित होते हैं. उनके लिए बीमारी बेहद गंभीर हो जाती हैं.
दालचीनी सब्जियों में प्रयोग होने वाला प्रमुख मसाला है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दालचीनी का प्रयोग माइग्रेन से राहत पाई जा सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि दालचीनी का पेस्ट बनाकर आधा घंटे तक लगाकर रखें. इससे माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है.
अदरक एंटीबायोटिक, एंटी इन्पफलेमेटरी गुण वाला पौधा होता है. यह कई रोगों में काम आता है. माइग्रेन में भी यह असरकारक के रूप में काम करता है. जब भी माइग्रेन जैसी परेशानी दिखे तो तुरंत अदरक का टुकड़ा दांतों में दबाकर चूसते रहे.
स्ट्रेस मैनेजमेंट यदि सही ढंग से नहीं कर रहे हैं तो इससे माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है. यदि किसी एक्सपर्ट की देखरेख में कर रहे हैं तो इससे खासी राहत भी मिल सकती है. योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम करने से माइग्रेन में कुछ राहत मिल जाती है.
तेज धूप माइग्रेन बढ़ाने का काम करती है. चमकदार रोशनी एक साथ आंखोें पर प्रभाव डालती है. इससे सिर में तेज दर्द होता है. यह माइग्रेन को अधिक बढ़ा सकता है. इससे बचाव के लिए सनग्लासेज का प्रयोग करना चाहिए. इससे राहत मिलती है.
डॉक्टर हितेश कौशिक ने बताया कि माइग्रेन मौसम बदलने के साथ अधिक असर डालता है. जैसे इस समय सर्दी कम हो रही हैं और गर्मी बढ़ती जा रही है तो सावधान रहने की जरूरत है. यदि सिर में दर्द महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाकर इलाज करा लें.
डिहाइड्रेशन सिरदर्द की एक समस्या बन सकती है. इससे बचना है तो खूब पानी पीने की आदत डालें. डॉक्टरों ने बताया कि यदि आप पानी अधिक नहीं पी रहे हैं तो यह सिरदर्द का कारण बन सकता है. चिड़चिड़ापन हो सकता है. साथ ही माइग्रेन की समस्या और अधिक बढ़ा देता है. पानी पीने से माइग्रेन में राहत मिल सकती है.
मैग्नीशियम ब्लड शुगर लेवल और नर्व सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए जरूरी होता है. यह ब्रेन के लिए जरूरी तत्व होता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन, नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी ऑफ इंफॉर्मेशन के अनुसार, मैग्नीशियम की कमी से माइग्रेन की परेशानी देखने को मिल सकती है.
एक अध्ययन में सामने आया है कि जो लोग शराब का सेवन करते हैं. उनके एक तिहाई हिस्से में सिरदर्द की समस्या देखने को मिलती है. शराब अधिक पीने से ब्रेन में सूजन हो जाती है. कुछ न्यूरोनल पाथवे सक्रिय हो जाते हैैं. इससे ब्लड वेसेल्स चौड़ी हो सकती हैं.
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में नींद को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की गई. इसमें बताया कि जो लोग सही ढंग से नहीं सोते हैं या कम सो पाते हैं. उन्हें अधिक सिरदर्द की परेशानी देखने को मिलती है. यह सिर दर्द बढ़ाने वाले कारकों में से एक है.
हिस्टामाइन का भी माइग्रेन को कम करने में बड़ा रोल जुड़ा है. दरअसल, यह एक तरह का कैमिकल है. इसमें बदलाव होने से माइग्रेन और सिरदर्द होेने जैसी समस्या देखने को मिलती है. ये इम्यूनिटी, पाचन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है.
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