केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची की वकालत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यदि इस मुद्दे पर प्रगति होती है तो बड़ा कदम होगा।
निर्वाचन आयोग इस समय लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार कर रहा है, वहीं संबंधित राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत और नगर निकाय जैसे स्थानीय चुनावों के लिए अपनी मतदाता सूची तैयार कर रहे हैं।
अनेक राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने के मकसद से निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची का इस्तेमाल करते हैं।
सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची की मांग उठती रही है क्योंकि ऐसा होने से दोहरे प्रयास नहीं करने होंगे और लागत में कमी आएगी। पंजीकृत मतदाताओं ने भी दावा किया है कि उनका नाम एक सूची में तो है, लेकिन दूसरी सूची से गायब है।
भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग संविधान के तहत अलग-अलग हैं और उनके अपने कार्यक्षेत्र हैं।
मेघवाल यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार से मुखातिब होते हुए कहा, ”दो-तीन मुद्दों पर चर्चा चल रही है। एक है कि मतदाता सूची एक होनी चाहिए। मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब हम चुनाव में जाते हैं तो यह एक बड़ा मुद्दा होता है। (लोग) कहते हैं कि (उनका) नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया था, हमें मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। आपने (आयोग ने) प्रणाली को ऑनलाइन कर दिया है और इसे सरल बना दिया है। लेकिन अगर हम एकल मतदाता सूची के मुद्दे पर आगे बढ़ते हैं तो यह एक बड़ा कदम होगा।”
– एजेंसी