बवासीर एक बेहद कष्टदायक समस्या है, जिसमें स्टूल पास करते समय तेज दर्द और कभी-कभी खून भी निकलता है। यह बीमारी लंबे समय तक बनी रहे तो ऑपरेशन तक की नौबत आ सकती है। खराब जीवनशैली, फाइबर की कमी वाला आहार और अनियमित दिनचर्या इसके मुख्य कारण माने जाते हैं।
आयुर्वेद में बवासीर से राहत के लिए कई प्राकृतिक उपाय बताए गए हैं। इनमें गेंदा का फूल (Marigold) एक बेहद असरदार औषधि मानी जाती है।
गेंदे से बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज
1. गेंदे के फूलों का सेवन
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, खूनी बवासीर (Bleeding Piles) में गेंदे के फूल बहुत फायदेमंद होते हैं।
5-10 ग्राम गेंदे के फूलों को देसी घी में भूनकर, दिन में तीन बार सेवन करें।
इससे खून बहना कम होता है और दर्द में राहत मिलती है।
खूनी बवासीर में आप 5 से 10 ग्राम गेंदे के फूलों का ताजा रस निकालकर दिन में 2-3 बार पिएं। यह उपाय सूजन, जलन और ब्लीडिंग में लाभकारी है।
2. गेंदे के पत्तों और काली मिर्च का पेस्ट
गेंदे के पत्ते भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं:
10-15 ग्राम गेंदे के पत्तों में 2 ग्राम काली मिर्च मिलाकर पीस लें।
इस मिश्रण को पानी के साथ पिएं।
यह पाचन सुधारने में मदद करता है और मस्सों की सूजन को भी कम करता है।
3. गेंदे और केले की जड़ का अर्क
अगर खूनी बवासीर में लगातार खून बह रहा हो, तो यह उपाय आज़माएं:
250 ग्राम गेंदे के पत्ते और 2 किलो केले की जड़ लेकर रातभर पानी में भिगो दें।
सुबह उसका अर्क निकालकर 15-20 मिली सेवन करें।
यह उपाय ब्लीडिंग को नियंत्रित करने और मलद्वार की सूजन कम करने में सहायक होता है।
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