राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को कहा कि राज्य की नई सरकार की नीति और नीयत एकदम साफ है तथा वह विकसित राजस्थान बनाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नई सरकार अपने ‘संकल्प पत्र’ के हर वादे को पूरा करेगी।
इसके साथ ही राज्यपाल ने भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था तथा राज्य की खराब आर्थिक स्थिति के लिए पिछली कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष किया और कहा कि भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त राजस्थान बनाना वर्तमान डबल इंजन की सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। राज्यपाल मिश्र ने नवगठित 16वीं विधानसभा में अपने अभिभाषण में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा,”नई सरकार की नीति और नीयत एकदम साफ है। हम विकसित भारत 2047 के संकल्प के साथ विकसित राजस्थान बनाने के लिए कटिबद्ध है।”
उन्होंने कहा,”हम बेहतर तरीके से कुशल एवं स्मार्ट सुशासन, नैतिक मूल्य व्यवस्था, गांधी जी का राम राज्य एवं सुराज, विधि का शासन, समावेशी एवं सतत् विकास, प्रशासन में जवाबदेही, प्रभावशील दक्षता एवं पारदर्शिता, गुड गवर्नेंस, ई-गवर्नेंस, एम-गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट- मैक्सिमम गवर्नेंस के साथ संकल्प पत्र के हर वादे को पूरा करेंगे।”
इससे पहले सत्र की कार्यवाही शुक्रवार को राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण के साथ शुरू हुई। राज्यपाल मिश्र ने गत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा,” इससे पूर्व की सरकार अपने अन्तर्विरोधों एवं अहम की लड़ाई में व्यस्त रहने के कारण प्रदेश की विकासोन्मुखी नीति बनाने एवं निर्णय लेने में कामयाब नहीं हो पाई । इसके फलस्वरूप जनता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर सकी।” उन्होंने कहा,” लेकिन अब यह पूर्ण बहुमत एवं डबल इंजन की सुस्थिर सरकार राज्य में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर ना केवल नये राजस्थान का निर्माण करेगी अपितु
विकसित राजस्थान व विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करेगी।” राज्यपाल ने साथ ही कहा,”हमारी सरकार का यह नीतिगत निर्णय है कि विगत सरकार द्वारा संचालित जन कल्याण की योजनाओं को बंद नहीं किया जायेगा, लेकिन चुनावी वैतरणी पार करने के उद्देश्य से अपने कार्यकाल के आखिरी समय में, बिना बजटीय प्रावधानों के, आनन-फानन में घोषित की गई इन तथाकथित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा अवश्य की जायेगी।” उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा गहन छानबीन के उपरान्त ही इन कथित कल्याणकारी योजनाओं को समुचित वित्तीय आधार देकर, ठोस एवं व्यावहारिक नये रूप में, जमीनी धरातल पर लागू करने का काम किया जायेगा।
राज्यपाल ने कहा, ”विरासत में मिली प्रदेश की चौपट अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।” कृषि क्षेत्र के बारे में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि राजस्थान की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 30 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं, उनको आर्थिक संबल प्रदान करने और सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आपणो अग्रणी राजस्थान के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि को दोगुना कर अब 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष करने की प्रस्तावित योजना हमारे किसान भाइयों के लिए बहुत बड़ा संबल होगी।
राज्यपाल ने कहा,” किसान भाइयों के हितों की रक्षा वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछली सरकार के कार्यकाल में जिन किसानों की जमीनें नीलाम हुई थी, उनको बिना विलंब किए उचित एवं सम्मानजनक मुआवजा देने के लिए व्यावहारिक मुआवजा नीति निर्धारित की जायेगी।”
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ईआरसीपी का जिक्र भी इस अभिभाषण में किया गया। राज्यपाल ने कहा,”हमारी सरकार ईआरसीपी को पूर्वी राजस्थान की जीवनरेखा के रूप में विकसित करेगी और इस योजना का क्रियान्वयन मिशन मोड पर त्वरित गति से किया जायेगा। अब राजस्थान व मध्यप्रदेश, दोनों राज्यों में डबल इंजन की सरकार आने से ईआरसीपी के संबंध में एमओयू कर परियोजना को शीघ्र-अतिशीघ्र मूर्त रूप दिया जाना आसान होगा।”
उन्होंने कहा,”भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त राजस्थान बनाना वर्तमान डबल इंजन की सरकार का प्रमुख लक्ष्य है। इस शांतिप्रिय प्रदेश में कानून का शासन सुनिश्चित करने में यह सरकार कोई कोर कसर नहीं छोडे़गी।”
राज्यपाल ने पिछली सरकार पर केन्द्र की आयुष्मान योजना को चिरंजीवी योजना का नाम देकर वाहवाही लूटने का आरोप लगाते हुए कहा कि नई सरकार ”सभी को स्वास्थ्य सेवाएं” सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार चिरंजीवी योजना की समीक्षा करेगी और आयुष्मान योजना को जन केन्द्रित बनाकर प्रभावी रूप से लागू किया जायेगा।
इससे पहले मिश्र का विधानसभा पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, मुख्य सचिव सुधांश पंत ने स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि राज्य की 16वीं विधानसभा के पहले सत्र की बैठक इससे पहले 20 व 21 दिसंबर को हुई थी जब नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई व विधानसभा अध्यक्ष का सर्वसम्मति से चुनाव किया गया। राज्य की 200 सीटों वाली विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के पास 115 व कांग्रेस के पास 70 सीटें हैं।
– एजेंसी