6.5 लाख करोड़ का नुकसान, शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन घरेलू शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त गिरावट आई है। अमेरिकी डॉलर में मजबूती और चीन के स्टीम्यूलस उपायों को लेकर जारी असमंजस के कारण मेटल शेयरों में भारी गिरावट दर्ज हुई। इसके साथ ही नवंबर के महंगाई के आंकड़ों ने भी बाजार की धारणा को प्रभावित किया है।

सुबह 11:00 बजे तक सेंसेक्स 1,147 अंक यानी 1.41% गिरकर 80,142 अंक पर आ गया, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स 337 अंक यानी 1.37% की गिरावट के साथ 24,211 अंक तक लुढ़क गया। इस भारी गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 6.5 लाख करोड़ रुपये घटकर 451.65 लाख करोड़ रुपये रह गया।

मेटल सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट आई, जिसमें निफ्टी मेटल इंडेक्स में 5% तक की गिरावट देखी गई। निवेशकों की नजरें चीन के संभावित स्टीम्यूलस पैकेज पर टिकी हैं, क्योंकि इससे वैश्विक मेटल की मांग में वृद्धि हो सकती है। इस बीच, ब्याज दरों से प्रभावित सेक्टरों जैसे बैंकिंग, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, पीएसयू बैंक और रियल्टी में भी 1.5% से 2.7% तक गिरावट दर्ज की गई।

इसके अलावा, बाजार की अस्थिरता को मापने वाला इंडेक्स India VIX 9.9% की उछाल के साथ 14.5 पर पहुंच गया, जो बाजार में चल रही उथल-पुथल का संकेत है।

सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर:

सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भारी गिरावट हुई। दूसरी ओर, भारती एयरटेल, नेस्ले, अदाणी पोर्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।

आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,560.01 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत भी 0.04% गिरकर 73.38 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है।

इस समय बाजार में अस्थिरता और गिरावट का माहौल बना हुआ है, और निवेशकों की नजरें आने वाले आर्थिक फैसलों पर टिकी हैं।