कोटा (एजेंसी/वार्ता) कन्या कुमारी से कश्मीर के लिए करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के स्वागत के लिए राजस्थान के कोटा शहर को सजाया गया है।
श्री राहुल गांधी संभवत: आठ दिसंबर को कोटा-झालावाड़ रोड़ पर जगपुरा में रात्रि विश्राम के बाद अगली सुबह कोटा शहर में आएंगे। हालांकि उनका कोटा शहर में किसी नुक्कड़ सभा जैसा कार्यक्रम नहीं है लेकिन शहर की सीमा में प्रवेश करने के बाद जिन रास्तों से होकर उनके गुजरने की संभावना है
वहां की सड़कों को रंग-रोगन कर सजाया जा रहा है और रास्ते भर में जिन स्थानों को सौंदर्यकरण की दृष्टि से बीते सालों में विकसित किया गया है,उनकी साज-सज्जा को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। शहर में नयापुरा इलाके में स्थित उम्मेद क्लब में राहुल गांधी का दोपहर के भोज का कार्यक्रम है।
उसके बाद वे नौ दिसम्बर को नॉर्दन बाईपास होते हुए केशवरायपाटन के पास गुड़ली फाटक से बूंदी जिले में प्रवेश कर जाएंगे। गुड़ली फाटक पर उनका रात्रि विश्राम का कार्यक्रम है कोटा शहर की सीमा में प्रवेश करने के बाद राहुल गांधी बंद पड़े कारखाने इंस्ट्रूमेंटेशन लि. से पहले उस स्थान पर पहुंचेंगे
जहां पिछली कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान करीब एक दशक पहले नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर तत्कालीन नगर विकास न्यास अध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की लैपटॉप लिए हुए प्रतिमा की स्थापना की थी जिन्हें भारत में दूरसंचार क्रांति का जनक माना जाता है।
बताया जा रहा है कि श्री राहुल गांधी वहां अपने पिता राजीव गांधी की प्रतिमा को सूत की माला पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। कोटा को देश में कोचिंग सिटी के रूप में जाना जाता है और यहां देश भर से विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में भाग लेने की तैयारियों के सिलसिले में कोचिंग के लिए छात्र आते हैं।
इसे मद्धेनजर रखते हुए यहां स्थान नियत कर वहां कोटा में कोचिंग कर रहे छात्रों से श्री राहुल गांधी संवाद भी कर सकते है अभी इस कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है इसके बाद वह विभिन्न स्थानों से गुजरते हुए नयापुरा में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत छोड़ो आंदोलन की चर्चा करते हुए की विशाल प्रतिमा स्थल पहुंचेगे।
इसके अवलोकन के बाद वहां से उम्मेद क्लब जाएंगे जहां दोपहर का भोजन होगा। रियासतकाल में कोटा के महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय के शासनकाल में बनाए गए इस ऐतिहासिक भवन उम्मेद क्लब का वास्तविक नाम क्रॉस्थवेट इन्स्टीट्यूट है, जिसे देश के आजादी के बाद बदल कर तत्कालीन महाराज उम्मेद सिंह की याद में उनके नाम से उम्मेद क्लब कर दिया गया। यह भवन अपनी भव्य आंतरिक एवं बाहरी साज-सज्जा के लिए कोटा शहर में अलग ही पहचान रखता है।
कोटा के जाने-माने इतिहासकार डॉ जगत नारायण की पुस्तक “कोटा के महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय एवं उनका समय के अनुसार रियासतकाल में पांच दिसम्बर 1896 को तत्कालीन महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय ने अपने मानाभिषेक के जलसे में अंग्रेज एजीजी क्रॉस्थवेट के समक्ष यह घोषणा की थी कि वह आज के दिवस को यादगार बनाने के लिए एक पुस्तकालय एवं क्रीड़ांगन का निर्माण करेंगे जिसका नाम क्रॉस्थवेट इंस्टिट्यूट होगा।
एजेंसी/वार्ता
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