पाइल्स की बीमारी से आज बड़ी संख्या में मरीज परेशान हैं. इसमें एनस के अंदरूनी और बाहरी हिस्से में सूजन हो जाती है. जिससे स्किन जमा होकर मस्से बन जाते हैं और पाइल्स की समस्या हो जाती है. पाइल्स की मुख्य वजह कब्ज होती है. अगर आपका पेट साफ नहीं होता और मल त्याग करने के लिए जोर लगाना पड़ता है तो पाइल्स की समस्या हो सकती है. खराब डाइट, गड़बड़ लाइफस्टाइल, ज्यादा देर तक एक ही जगह खड़े रहने, मोटापा और प्रेगनेंसी में पाइल्स की परेशानी हो सकती है. अक्सर 50 साल के बाद यह बीमारी देखने को मिलती है.
अगर कोई पाइल्स यानी बवासीर के दर्द से परेशान है तो वह सिट्ज बाथ की मदद ले सकता है. इससे एनल रीजन में जलन, दर्द और खुजली की समस्या से राहत मिल जाती है. यह पाइल्स से छुटकारा पाने का नेचुरल तरीका है. सिट्ज बाथ मतलब एक टब में गर्म गुनगुना पानी लेकर उसकी सतह पर कम से कम 15 मिनट तक बैठें. दिन में दो बार ऐसा करने से पाइल्स के लक्षण दूर हो जाएंगे और दर्द की समस्या भी गायब हो जाएगी.
पाइल्स के मरीजों को डॉक्टर एनस में क्रीम लगाने की सलाह देते हैं. इस क्रीम में हाइड्रोकॉर्टिसोन होता है. इसी की मदद से एनस स्मूथ बनाता है और दर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है. इस क्रीम के साथ दवाईयां खाने से पाइल्स के दर्द से आराम मिलता है.
लंबे समय से पाइल्स की समस्या से परेशान हैं तो रबर बैंड लिगेशन असरदार हो सकता है. इस प्रक्रिया में डॉक्टर छोटी सी मशीन के माध्यम से एक या दो छोटे रबर बैंड पाइल्स के बेस पर फिट कर देते हैं. जिससे उन नसों में ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता है, जिनकी वजह से पाइल्स का सूजन होता है. कुछ हफ्तों के बाद ही रबड़ बैंड बाहर निकल जाता है.
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