हर महिला के लिए महीने के वो पांच दिन बहुत ही दर्दनाक और तकलीफदेह होते हैं. पीरियड्स के समय उन्हें पेट, पीठ और जांघों में तेज दर्द होता है. डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं भी होती हैं. शरीर में भारीपन और थकान महसूस होती है. इतना ही नहीं, इस दौरान महिलाओं में मूड स्विंग की भी समस्या देखी जाती है. पीरियड्स के दौरान होने वाले मूड स्विंग्स के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस अवधि के दौरान मूड में बदलाव की समस्या आखिर क्यों देखी जाती है?
अक्सर देखा जाता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाएं बहुत चिड़चिड़ी और गुस्सैल स्वभाव की हो जाती हैं. उन्हें छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा और रोना आता है. कई बार तो वो छोटे से मसले पर भी बहुत ज्यादा रिएक्ट कर जाती हैं. दरअसल पीरियड्स के दौरान महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से उनका मूड स्विंग होता है. जबकि पेट में तेज दर्द के लिए प्रोस्टाग्लैंडिंस नाम का एक हार्मोन जिम्मेदार होता है, जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बनता है. इसी की वजह से आपको पीरियड्स के दौरान तेज दर्द का अनुभव होता है. आइए जानते हैं कि पीरियड्स के मूड स्विंग्स को आप कैसे मैनेज कर सकती हैं?
व्यायाम करें: व्यायाम आपके शरीर में होने वाली कई दिक्कतों को दूर करने में मददगार है, फिर चाहे वो पीरियड्स का मूड स्विंग ही क्यों न हो. एक्सरसाइज करने से पीरियड्स के दौरान होने वाली मांसपेशियों की ऐंठन और अकड़न से आराम मिलेगा और आपका मूड भी अच्छा रहेगा.
फाइबर से भरपूर खाना खाएं: पीरियड्स के दर्द और मूड स्विंग्स से निपटने के लिए आपको फाइबर से भरपूर भोजन करना चाहिए. क्योंकि इससे आपको ताजगी मिलेगी और आप अपने अंदर एनर्जी भी महसूस करेंगे.
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