जानिए,प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों में क्यों होती है सूजन

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं कई सारी परेशानियों से गुजरती हैं. उनके शरीर के अलग-अलग हिस्सों में प्रेग्नेंसी से जुड़े कई तरह के बदलाव होते हैं, इनमें से एक बदलाव पैरों का सूजना है. मां बनने वाली ज्यादातर औरतें पैरों में सूजन की समस्या का अनुभव करती हैं. वैसे तो ये परेशानी आम है, लेकिन कई बार बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकती है. यही वजह है कि पैरों में ज्यादा सूजन को भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.

गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अमीना खालिद ने प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में दिखने वाली इस समस्या को लेकर इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया और कहा कि प्रेग्नेंसी में पैरों में सूजन होना एक सामान्य बात है. हालांकि ये शरीर की कई अंदरूनी दिक्कत का संकेत भी दे सकता है. अगर सूजन का पैटर्न अलग है और शरीर के बाकी हिस्सों पर भी दिखता है तो इसे कभी भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए.

प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों सूज जाते हैं पैर?
प्रेग्नेंसी में हार्मोनल चेंजेस की वजह से महिलाओं का पैर सूज जाता है, क्योंकि शरीर बच्चे की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक्सट्रा पानी और फ्लूड को बनाए रखना शुरू कर देता है.

जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी का दौर आगे बढ़ता है और बच्चा बढ़ने लगता है तो गर्भाशय और बच्चे का वजन पैरों की नसों पर दबाव डालने लगता है. इसकी वजह से नसों की दिल में खून को वापस लौटाने की कैपिसिटी कम हो जाती है. ब्लड फ्लो धीमा होने से वैसल्स के अंदर दबाव बनता है, जिससे नसों से पानी का रिसाव होने लगता है. यही पैरों और टखनों में सूजन का कारण बनता है.

नॉर्मल सूजन को कैसे पहचानें?
सूजन आमतौर पर टखनों और पैरों तक ही सीमित रहने चाहिए.

सुबह-सुबह पैरों में सूजन नहीं होती है.

सूजन पूरे दिन बढ़ती है और बच्चे के वेट से पैदा होने वाले दबाव के कारण शाम या फिर रात में ज्यादा हो जाती है.

रेस्ट करने और टांगों को कुछ देर के लिए ऊपर उठाने पर सूजन कम हो सकती है.

कब नजरअंदाज नहीं करना चाहिए?
सुबह और पूरे दिन सूजन रहती है. आराम करने से भी राहत नहीं मिलती.

सिर्फ एक पैर में सूजन होना या सूजन का अचानक बढ़ना

आंखों में धुंधलापन या आंखों में चमकती रोशनी का महसूस होना

चक्कर आना

सांस फूलना

सीने के निचले हिस्से में दर्द

ज्यादा सिरदर्द

पेशाब कम आना

उल्टी करना

पैरों की सूजन की समस्या को कैसे रोकें?
अपने भोजन में एक्सट्रा नमक डालने से बचें.

अपनी डाइट में पोटेशियम से भरपूर आहार जैसे- केला, पालक, आलू, बीन्स, अनार और संतरे जैसे फलों को शामिल करें.

कैफीन का सेवन कम से कम करें. कैफीन के सेवन से ज्यादा पेशाब आने की समस्या पैदा होती है.

जब भी आप लेटें तो अपने पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें और एक तकिया रख लें. साथ ही साथ रात में आठ घंटे की नींद पूरी करें.

टाइट लेगिंग, जींस या बाकी कपड़ों को पहनने से बचें. जूते भी आरामदायक पहनें.

अगर आपका डॉक्टर इजाजत दे तो भोजन के बाद 10 मिनट टहलना सेहत के लिए अच्छा रहेगा.

अगर आपको इन उपायों से भी राहत नहीं मिलती और सूजन बढ़ती जा रही है तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से संपर्क करें.

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