चिड़चिड़ापन एक मानसिक समस्या है. जब भी हमें या हमारे परिवार में किसी चिड़चिड़ाहट होती है तो परिवार के दूसरे सदस्य भी पलटकर गुस्सा करने लगते हैं या फिर अनदेखा करने लगते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर लोग इस बात को नहीं समझ पाते कि कोई व्यक्ति अगर लगातार इस तरह का व्यवहार कर रहा है तो उसे सही उपचार और देखभाल की जरूरत है ना कि अनदेखा किया जाने की या डांट और पिटाई की.
छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी भी उम्र के व्यक्ति को यह समस्या हो सकती है. इस समस्या के कारण शारीरिक बीमारियां भी हो सकती हैं और भावनात्मक इश्यूज भी. कई बार शारीरिक बीमारियों के लक्षण भी चिड़चिड़ाहट के रूप में नजर आते हैं. बच्चों के कान में जब ईएनटी यानी ईयर, नोज या थ्रोट की समस्या होती है तब भी बच्चे चिड़चिड़ाते हैं और पेट दर्द की समस्या के दौरान भी बच्चों को इस तरह की दिक्कत होती है
चिड़चिड़ाहट मेंटल और इमोशनल हेल्थ संबंधी समस्या का लक्षण भी हो सकती है और फिजिकल हेल्थ से जुड़ी समस्या का लक्षण भी. यदि लगातार या कहिए कि हर समय किसी को चिड़चिड़ाहट हो रही है तो इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए.
छोटी-छोटी बात से परेशान होना
किसी काम में मन ना लगना
बिना बात के गुस्सा आना
छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाना
बहुत जल्दी और तेज गुस्सा आना
गुस्से में बेकाबू होकर दुर्व्यवहार करना
किन समस्याओं का लक्षण है चिड़चिड़ाहट?
नींद पूरी ना होने के कारण
हॉर्मोनल इंबैलेंस के कारण
तनाव बहुत होने की वजह से
एंग्जाइटी की समस्या होने पर
डिप्रेशन के चलते
शरीर में शुगर की कमी के कारण
हीमोग्लोबिन की कमी के कारण
बाइपोलर डिसऑर्डर होने पर
सीजोफ्रेनिया की समस्या होने पर
चिड़चिड़ाहट को कैसे कम करें?
चिड़चिड़ाहट की समस्या को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि पहले आप अपनी इस परेशानी का कारण जानने का प्रयास करें. यह क्लियर करें कि इसका कारण मानसिक, भावनात्मक या शारीरिक है. खुद से समझ ना पाएं तो डॉक्टर से मिले. जरूरी हो तो सायकाइट्रिस्ट से मदद लें.
कुछ समय के लिए एकांत में बैठें
खुद के बारे में आपने सपनों के बारे में सोचें
जो आप करना चाहते हैं और जो आप कर रहे हैं उसके बारे में सोचें
आपको क्या चीज परेशान कर रही है, उस पर विचार करें और इसके समाधान के बारे में सोचें
अपना सर्कल बड़ा करने का प्रयास करें.
अपनी पसंद की ऐक्टिविटीज में भाग लें
वॉक पर जाएं, एक्सर्साइज करें, डांस करें
नकारात्मक बातों और लोगों से दूर रहें
कैफीन का सेवन कम करें
टेंशन होने पर खाना बंद ना करें ना ही अधिक खाना शुरू करें.
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