मानव शरीर में घुटने, कोहनी, गर्दन, कंधे आदि सहित कई ज्वाइंट्स होते हैं. ये ज्वाइंट्स आपके शरीर की मूवमेंट को आसानी प्रदान करते हैं. इन्हीं जोड़ों के माध्यम से आप अपने शरीर से जो चाहें करवा सकते हैं. हालांकि ज्वाइंट्स काफी कमजोर होते हैं. इसलिए इन्हें सही देखभाल की जरूरत होती है. लेकिन कई बार किसी कारण से इन्हें टूट-फूट का सामना करना पड़ता है. जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण आर्थराइटिस को माना जाता है. आर्थराइटिस यानी गठिया के दो प्रकार होते हैं, पहला- ऑस्टियोआर्थराइटिस और दूसरा- रुमेटीइड एस्थिराइटिस.
अमेरिकन कॉलेज ऑफ रयूमेटोलॉजी के मुताबिक, ऑस्टियोआर्थराइटिस 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में देखा जाता है. ये धीरे-धीरे बढ़ता है और कलाई, हाथ, हिप्स और घुटनों के जोड़ों को प्रभावित करता चला जाता है.
ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण जोड़ों का दर्द कार्टिलेज के टूटने से होता है.
कार्टिलेज ज्वाइंट्स के लिए कुशन और शॉक एब्जॉर्बर का काम करता है.
जबकि आर्थराइटिस का दूसरा प्रकार ‘रुमेटीइड एस्थिराइटिस’ है, जो पुरुषों की तुलना में आमतौर पर महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है. ये वक्त के साथ-साथ जोड़ों को खराब और कमजोर करता चला जाता है. रुमेटीइड एस्थिराइटिस जोड़ों में सूजन, दर्द और फ्लूड के निर्माण की वजह बनता है, क्योंकि शरीर का इम्यून सिस्टम ज्वाइंट्स को जोड़ने वाली झिल्ली पर अटैक करता है.
बर्साइटिस या ज्वाइंट्स के आसपास कुशनिंग पैड में सूजन
ल्यूपस
गाउट
कुछ संक्रामक रोग जैसे- गलसुआ, इन्फ्लूएंजा और हेपेटाइटिस
चोट
टेंडिनटिस
हड्डी या जोड़ का इन्फेक्शन
जोड़ों का ज्यादा इस्तेमाल
ऑस्टियोपोरोसिस
सारकॉइडोसिस
रिकेट्स
फाइब्रोमायल्जिया
डॉक्टर ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड एस्थिराइटिस दोनों को पुरानी स्थिति मानते हैं. अभी ऐसा कोई इलाज मौजूद नहीं है, जो गठिया से संबंधित जोड़ों के दर्द को पूरी तरह से खत्म कर दे या इसे दोबारा वापस आने से रोक दें.
जोड़ों की मूवमेंट जारी रखें
शरीर के वजन का बैलेंस बनाए रखें
जोड़ों पर बर्फ रगड़ें
दर्द निवारक दवाओं का सही तरीके से इस्तेमाल करें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
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