लड़कियों में यूट्रस और इससे जुड़े अन्य हिस्सों जैसे, ओवरी, फेलोपियन ट्यूब इत्यादि में सिस्ट होना अब एक नार्मल समस्या बन गई है. मात्र 22 से 28 साल की उम्र में लड़कियां इस समस्या का शिकार हो रही हैं. इसका असर इनकी हेल्थ को तो बुरी तरह प्रभावित करता ही है साथ ये फैमिली लाइफ को भी प्रभावित करने लगा है. यदि कम उम्र में इन सिस्ट का पता चल जाए और इलाज शुरू हो जाए तो स्थिति संभालना आसान होता है. जितनी देरी से इस समस्या पर ध्यान दिया जाता है, महिलाओं की लाइफ में समस्याएं उतनी ही बढ़ती जाती हैं. क्योंकि ये सिस्ट प्रेग्नेंसी में बहुत बड़ी समस्या बन जाती हैं.
कांचनार एक बहुत ही सुंदर फूलों का पेड़ होता है. फूल तो सभी खूबसूरत होते हैं लेकिन काचनार के पत्ते बहुत आकर्षक होते हैं और नजर बांध लेते हैं. इसके पत्ते देखने में सेब के आकार के होते हैं और इस पर बड़े-बड़े बहुत आकर्षक रंगों के फूल आते हैं. कांचनार के फूल कई रंगों के होते हैं. आप कांचनार के फूलों की चाय बनाकर सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं.
इसके फूल और छाल को एक साथ मिलाकर इनका काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है. काचनार गुग्गुल के नाम से इसकी टैबलेट्स भी आती हैं, जो आयुर्वेदिक मेडिसिन होती हैं. लेकिन किसी भी रूप में इसका उपयोग मेडिकल पर्पज से करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले डॉक्टर से जरूर बात करें.
कांचनार ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत अधिक लाभकारी होता है. महिलाओं को सिस्ट के कारण प्रेग्नेंसी में होने वाली समस्याएं दूर करने की ये एक प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है.
कोल्ड और कफ से बचाव में
चोट के घावों को जल्दी भरने के लिए
पेट के कीड़ों को खत्म करती है
यदि कोई विषैला कीड़ा काट ले तो उसके जहर का असर कम करती है
बॉडी को हेल्दी और लाइव रखने में हेल्पफुल
अस्थमा दूर करने में मददगार
शरीर की अंदरूनी सूजन से बचाती है
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