भारतीय रसोइयों में ऐसी कई चीजें मौजूद होती हैं, जिनसे सेहत को अनगिनत फायदे मिल सकते हैं. इन चीजों में एक शहद भी शामिल है, जो कई औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. शहद का इस्तेमाल हजारों सालों से नेचुरल शुगर के रूप में किया जा रहा है. आज भी कई लोग चीनी की जगह इसका सेवन करना ज्यादा बेहतर मानते हैं. चूंकि शहद में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों पाए जाते हैं, इसलिए ये स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. अब सवाल है कि क्या शहद वास्तव में चीनी से लाख गुना ज्यादा बेहतर होता है?
दरअसल चीनी और शहद दोनों ही चीजें फ्रुक्टोज और ग्लूकोज से बनी होती हैं. शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन और मिनरल्स काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. जबकि चीनी शरीर को डायबिटीज सहित कई गंभीर रोग दे सकती है. आइए जानते हैं शहद शुगर से ज्यादा बेहतर क्यों है?
शहद चीनी से ज्यादा बेहतर क्यों?
पोषण से भरपूर
शहद में कई जरूरी पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. जबकि चीनी एक प्रोसेस्ड किया हुआ कार्बोहाइड्रेट है, जिसमें पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है. शहद में अमीनो एसिड, एंजाइम, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो शरीर को अलग-अलग तरीके से फायदे देते हैं, जैसे- इम्यूनिटी को मजबूत करना, सूजन की समस्या से छुटकारा दिलाना और घाव को तेजी से भरना आदि.
कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स
चीनी की तुलना में शहद का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जिसका साफ सीधा मतलब यह है कि इसे खाने से ब्लड शुगर के लेवल में बढ़ोतरी की टेंशन नहीं रहती.
गुड डाइजेशन
शहद को डाइजेस्ट करना मुश्किल नहीं होता क्योंकि इसमें एंजाइम्स मौजूद होते हैं, जो कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने का काम करते हैं. जबकि चीनी रक्तप्रवाह में घुसकर ब्लड शुगर का लेवल बढ़ाने का काम करती है.
लो-कैलोरी
शहद भले ही मीठा होता है, लेकिन इसमें कैलोरी की मात्रा चीनी की तुलना में बहुत कम होती है. अगर आप लो-कैलोरी के साथ मिठास भी चाहते हैं तो शहद को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं.
एनर्जी बूस्टर
शहद में फ्रुक्टोज और ग्लूकोज जैसे नेचुरल शुगर पाए जाते हैं, जो असल में एनर्जी बूस्टर माने जाते हैं. इसे शरीर आसानी से अब्जॉर्ब कर लेता है और तुरंत एनर्जी प्रदान करता है. जबकि चीनी को अब्जॉर्ब करने के लिए शरीर को इसे पहले फ्रुक्टोज और ग्लूकोज में तोड़ना पड़ता है.
स्किन के लिए फायदेमंद
शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो पिंपल्स, सूजन जैसी समस्या को खत्म करने का काम कर सकते हैं. जबकि ज्यादा चीनी खाने से ग्लाइकेशन की समस्या हो सकती है.