सिर में डैंड्रफ यानी रूसी की समस्या उतनी हल्के में लेने वाली है नहीं, जितना कि हम सभी इसे लाइटली लेते हैं. हालांकि कॉलेज और करियर में आने के बाद युवा इसे लेकर गंभीर हो जाते हैं लेकिन बचपन में भी इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. क्योंकि ये पिंपल्स, कान में खुजली और हेयर फॉल जैसी समस्याओं की वजह बनता है. कुछ बच्चों को गाल, कंधे और पीठ पर ऐक्ने या पिंपल की समस्या भी इसके कारण हो सकती है. जिन युवाओं को डैंड्रफ रहता है, उनमें तो ये समस्याएं अधिकतर देखने को मिलती हैं.
स्टेफिलोकोकस ऑरियस एक ऐसा बैक्टीरिया है, जिसके कारण सिर में डैंड्रफ की समस्या होती है. ये बैक्टीरिया जिसे हिंदी में जीवाणु कहते हैं, इसके कारण होती है. यह बैक्टीरिया ज्यादातर लोगों की बॉडी पर ऐक्टिव रहता है और शरीर के रोमछिद्रों से निकलने वाला सीबम या तैलीय पदार्थ इसका मुख्य भोजन होता है.
बात करें के बालों में होने वाले डैंड्रफ की तो बैक्टीरिया बालों के कूपों स्किन से निकलने वाले तेल को खाता जाता है और डैंड्रफ बनाता जाता है. लेकिन जब सिर में कभी ड्राईनेस आ जाए या सीबम कम बने तो ये बैक्टीरिया बालों की जड़ों में चला जाता है और वहां मौजूद ऑइल और स्किन को खा जाता है, जिससे बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल तेजी से गिरने लगते हैं.
कुछ समय पहले तक सिर्फ यही माना जाता था कि डैंड्रफ की समस्या मैलेसिजिया नाम के फंगस के कारण ही होती है. लेकिन कुछ साल पहले हुई एक रिसर्च में सामने आया कि ये फंगस ही डैंड्रफ का एकमात्र कारण नहीं है. बल्कि स्टेफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया भी सिर में डैंड्रफ बढ़ाने और बाल झड़ने का कारण होता है.
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