जानिए क्यों वेटलॉस के लिए जरूरी है कम से कम 40 मिनट की एक्सरसाइज

डेली रुटीन में आपके पास समय कम है और वेटलॉस की चाहत बहुत ज्यादा…तो ऐसे में आप कोई ना कोई ऐसा जुगाड़ तलाशने में जुटेंगे, जिससे कम समय में अधिक फैट बर्न कर सकें. ऐसा ही एक ट्रेंड जो आजकल बहुत चलन में है, वो है 40 मिनट की एक्सर्साइज. इसमें 20 मिनट वॉर्मअप के लिए दिए जाते हैं और बाद के 20 मिनट एक्सर्साइज के लिए.

वेटलॉस की चाहत रखने वालों के साथ ही सिटिंग जॉब करने वालों के लिए, नसों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए और मसल्स की स्टिफनेस से परेशान लोगों के लिए भी ये तरीका बहुत काम का है. और सबसे अधिक काम का उन लोगों के लिए है, जिन्हें ये सभी समस्याएं हैं और उनके पास एक्सर्साइज करने का समय भी नहीं है.

आप हर दिन सिर्फ 40 मिनट देकर अपनी बॉडी को शेप-अप करना चाहते हैं और फैट बर्न करना चाहते हैं तो इन 40 मिनट को दो भागों में बांट दीजिए. पहले 20 मिनट में वॉर्मअप करना है और अगले 20 मिनट में फास्ट एक्सर्साइज. फिर से याद दिला दें कि अगर समय की कमी है और ऊपर बताई गई समस्याएं आपको घेरे हुए हैं तभी आप ये तरीका अपनाएं.

लेकिन अगर इस बात की जरा-सी भी संभावना है कि आप हर दिन फिटनेस और सेल्फ केयर के लिए डेढ़ से दो घंटे निकाल सकते हैं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. क्योंकि वेटलॉस जर्नी को जितना कूल रहनकर हेल्दी तरीके से किया जाए उतना अच्छा है.

वेटलॉस करने का ये 40 मिनट रूल अपनाने से पहले 20 मिनट में जब आप वॉर्मअप करते हैं तो आपकी मसल्स, नर्व्स और जॉइंट्स फ्लैग्जिबल हो जाते हैं. मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से गर्माहट आती है और गर्माहट आने से लचक बढ़ती है, जिससे आप एक्सर्साइज ठीक तरह से कर पाते हैं और मसल्स पुल होने, नसों में खिंचाव आने या जॉइंट्स में दर्द होने का खतरा दूर हो जाता है.

जब आपकी मसल्स फ्लैग्जिबल हो जाती हैं फिर जो वर्कआउट, एक्सर्साइज और योग आप करते हैं, वो आपकी बॉडी में तेजी से फैट बर्न का काम करता है. हालांकि योग में वॉर्मअप का बहुत अधिक महत्व नहीं माना जाता है लेकिन इसमें भी टफ योग पोश्चर करने से पहले सूक्ष्म व्यायाम किया जाता है, जिसका मकसद भी मसल्स को फ्लैग्जिबल करना ही होता है.

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