कुछ लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा बीमार पड़ते हैं. इसका कारण है उनका कमजोर इम्यून सिस्टम. एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली हमें रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया और कीटाणुओं से बचाती है. यह हमारे शरीर की रक्षा की पहली पंक्ति है. कई चीजें हमारे शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती हैं जैसे नींद की कमी, खराब पोषण और तनाव, जिससे हमें बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. अच्छी बात यह है कि आप अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार कर सकते हैं और वापस लड़ सकते हैं. इसके लिए योगाभ्यास एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है.
योग एक प्रभावी और समय पर परखा हुआ इम्युनिटी बूस्टर है. यह आपके तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकाल सकता है, जिससे आपकी समग्र स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार हो सकता है.
धनुरासन या धनुष मुद्रा
अपने पेट के बल आराम से लेट जाएं, अपने पैरों को कूल्हे-चौड़ाई से अलग रखें और अपने हाथों को बगल में रखें.
अब अपने घुटनों को मोड़ें और अपनी एड़ियों को अपने बट की ओर ले जाएं। अपने हाथों से दोनों पैरों की एड़ियों को पकड़ लें.
सांस लें और अपनी छाती और पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं. अपने चेहरे को सीधा रखते हुए अपने पैरों को जितना हो सके खींचे. आपका शरीर धनुष की तरह कड़ा होना चाहिए.
4-5 सांस के लिए रुकें और फिर प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं.
वृक्षासन या ट्री पोज
अपने पैरों को एक दूसरे के करीब रखते हुए जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं.
अपने बाएं घुटने को मोड़ें और तलवे को अपनी दाहिनी जांघ पर रखें.
इस पोजीशन में अपने शरीर को बैलेंस करने की कोशिश करते हुए सांस अंदर लें और छोड़ें.
धीरे-धीरे अपने हाथों को ऊपर उठाएं और उन्हें अपने सिर के ऊपर ले आएं, दोनों हथेलियों को आपस में नमस्ते मुद्रा में मिला लें.
मुद्रा में 4-5 सांसों के लिए रुकें और फिर धीरे से अपने हाथों को नीचे करें और अपने पैर को वापस जमीन पर रख दें.
दूसरे पैर से भी ऐसा ही दोहराएं.
ब्रिज पोज या सेतु बंध सर्वंगासन
अपने पैरों को कूल्हे-चौड़ाई से अलग करके अपनी पीठ के बल लेट जाएं. अपने घुटनों को मोड़ें और अपने हाथों को अपनी बगल में रखें.
सांस अंदर लें, अपने पैरों को जमीन पर दबाएं और धीरे से अपने कूल्हों को उठाएं और रीढ़ की हड्डी को फर्श से ऊपर उठाएं.
अपनी बाहों और कंधों को जमीन पर दबाएं, अपनी टेलबोन को लंबा करें और अपनी छाती को ऊपर उठाएं.
अपने हाथ को अपनी पीठ के पीछे रखें और 4-5 सेकंड के लिए रुकें.
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