सभी डॉक्टर्स अपने रोगियों को घी खाने की सलाह देते हैं, सिर्फ उस स्थिति को छोड़कर जहां रोगी के लिए चिकनाई लेने की मनाही हो. घर में मम्मी, दादी और नानी भी देसी घी खाने की सलाह देती हैं. कई बार तो हमारा झगड़ा ही उनसे घी ना खाने के कारण हो जाता है.
क्योंकि घी के बारे में ऐसी सोच सिर्फ अधूरी जानकारी के कारण ही है. अगर आपसे कोई कहे कि घी खाने से फैट बढ़ता नहीं घटता है! तो यकीनन आपको इस पर विश्वास नहीं होगा.
गाय का घी कई तरह के विटामिन्स से भरपूर होता है. इसके सेवन से विटामिन-ए, डी, ई, के और ऐंटिक्सिडेंट्स प्राप्त होते हैं.
गाय का घी खाने से अर्ली एजिंग और कुछ खास तरह के कैंसर से भी बचाव होता है. क्योंकि इसमें पाए जाने वाले ऐंटिऑक्सिडेंट्स फ्री-रेडिकल्स की मात्रा को बढ़ने नहीं देते हैं. ये फ्री रेडिकल्स बॉडी को अंदर से डैमेज करने का काम करते हैं.
गाय का घी वजन कम करने का काम करता है क्योंकि यह अतिरिक्त वसा को शरीर में इक्ट्ठा नहीं होने देता.
भैंस के दूध से बना घी मोटापा बढ़ाने का काम करता है. यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा होता है, जो बहुत पतले-दुबले हैं और वेट गेन करना चाहते हैं.
भैंस का घी हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करता है. यदि आप बॉडी बिल्डिंग या मसल्स बिल्डिंग करना चाहते हैं तो भैंस का घी आपके लिए अधिक लाभकारी रहेगा.
जो लोग कमजोरी अधिक महसूस करते हैं और थके-थके रहते हैं, उन्हें भी भैंस के घी का सेवन करना चाहिए. क्योंकि पोटैशियम-मैग्निशियम और फॉस्फोरस जैसे गुण शरीर में रक्त का फ्लो मेंटेन रखते हैं और ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में मदद करते हैं.
गाय का घी हल्के पीले रंग का होता है जबकि भैंस के दूध से बना घी एकदम सफेद होता है.
गाय के घी में फैट ना के बराबर होता है जबकि भैंस का घी फैट से भरपूर होता है.
गाय के घी में विटामिन, मिनरल्स और कैल्शियम पाया जाता है जबकि भैंस के घी से मैग्निशियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस मिलता है.
गाय के घी की तुलना में भैंस के घी में न्यूट्रिशनल वैल्यू काफी कम होती है.
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