दिल के दौरे की बढ़ती घटनाएं विश्व स्तर पर चिंता का कारण बनी हुई है पहले के मुताबिक आज के दौर में युवा आयु वर्ग में कार्डियक अरेस्ट और दिल का दौरा अधिक आम होता जा रहा है. पिछले 2 सालों में 18 और 20 साल के उम्र के लोगों में भी दिल का दौरा देखा गया है. आमतौर पर दिल का दौरा सुबह पड़ने की संभावना है अधिक होती है,लेकिन क्या यह तब हो सकता है जब कोई व्यक्ति सो रहा हो.
हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल्स के कंसलटेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर गुरुप्रकाश ए ने सहमति जताते हुए कहा कि दिल का दौरा लगभग 10% रोगियों में नींद में हो सकता है. खासकर सुबह के समय जब कैटिकोलामाइंस अधिक उछाल पर होता है. डायबिटीज रोगियों, मोटापे के शिकार और हाई बीपी और ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया वाले लोगों में ये आम बात है.डॉक्टर कहते हैं कि इससे पहले कि हम यह समझे कि सोते समय दिल का दौरा कैसे पड़ सकता है उनके होने के पीछे के साइंस को जानना जरूरी है.
इसके अलावा डॉक्टर शिबाशीष डे ने सोते समय होने वाले दिल के दौरे के पीछे के विज्ञान को समझाया उन्होंने बताया कि जब हम सोते हैं तो हमारी सभी मांसपेशियां आराम करती है, जिसमें गर्दन और गले भी शामिल हैं अगर आपके गर्दन के पास बहुत ज्यादा टिशू है तो ये एयरवे के रास्ते पर प्रेशर डालता है, आप सही से खुलकर सांस नहीं ले पाते हैं, या तो इस वक्त आप खर्राटे लेते हैं या फिर सांस लेना बंद कर देते हैं, ऐसा होने से आप ऑक्सीजन से लगातार वंचित होते हैं और इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
सोते समय दिल का दौरा पड़ने का एक और संभावित कारण है क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनीय डिसऑर्डर. आमतौर पर आपका ब्लड प्रेशर रात में गिरता है, अगर आपको स्लीप एपनिया है तो आपका ब्लड प्रेशर गिर नहीं सकता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर हो जाता है. हर बार जब आपका ऑक्सीजन स्तर नीचे गिरता है तो यह आपके रक्तचाप को बढ़ाता है और एड्रेनालाईन की वृद्धि का कारण बनता है. इससे आपके हृदय पर तनाव बढ़ जाता है क्योंकि ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे में आप को दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती है.
पर्याप्त नींद लेकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है अच्छी नींद को बढ़ावा देने के लिए सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. हर दिन सोने और जागने का समय सामान रखना, इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम करने से लोगों को रात में बेहतर नींद आती है, हालांकि सोने से पहले व्यायाम करने से बचें इसके अलावा योग जेंटल स्ट्रेचिंग माइंडफूलनेस मेडिटेशन भी करके आप खुद को इस समस्या से बचा सकते
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