घर में रोजमर्रा बनने वाली मीठे फूड आइटम्स में चीनी का इस्तेमाल खासतौर से किया जाता है, फिर चाहे चाय हो या कॉफी, गाजर का हलवा या सूजी का हलवा, खीर हो या सवैये ज्यादातर मीठी चीजों में चीनी का ही इस्तेमाल किया जाता है. चीन को लेकर अधिकतर लोग यह मानते हैं कि यह सेहत के लिए बिल्कुल फायदेमंद नहीं होती. कई लोग तो इसका सेवन करना भी छोड़ देते हैं. क्योंकि वे मानते हैं कि इसके सेवन से वजन बढ़ता है और कैलोरी की मात्रा में भी वृद्धि होती है.
ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि सभी तरह की मीठी चीज़ें खराब होती हैं. मगर क्या आप जानते हैं कि चीनी में दो सबसे जरूरी कंपाउंड (फ्रुक्टोज और ग्लूकोज) होते हैं, जिनकी हमारे शरीर को सही से काम करने के लिए जरूरत होती है. फलों और सब्जियों में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली चीनी में विटामिन और बाकी जरूरी मिनरल्स होते हैं. यही वजह है कि एक्सपर्ट पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखने के लिए अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक चीनी शामिल करने की सलाह देते हैं.
चीनी को लेकर अधिकतर लोग यह मानते हैं कि इसके सेवन से मोटापा या वजन बढ़ता है. कई लोग वेट बढ़ने के डर से इसका सेवन पूरी तरह से त्याग देते हैं. हालांकि अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में पब्लिश एक स्टडी में वेट बढ़ने पर चीनी का कोई सीधा असर नहीं देखा गया.
क्या आप उन लोगों में से हैं, जो शुगर-फ्री कुकीज या केक का ऑप्शन चुनते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो आपको सच में इसे बदलने की जरूरत है. कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में पब्लिश एक स्टडी में पाया गया है कि सैकरीन और बाकी स्वीटनर्स का सेवन वजन बढ़ाने, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की बीमारी से जुड़ा हुआ है.
चीनी को पूरी तरह से छोड़ देना आपकी सेहत पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इसकी वजह से शरीर में ग्लूकोज की कमी का ऐहसास होगा, जिससे लो ब्लड प्रेशर, मतली आना और बहुत से प्रभाव दिखाई दे सकते हैं.
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